वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला Holi Festival 2023 (होली का त्यौहार) भारतीय और नेपाल वासियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है |
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यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली रंगों का तथा हँसी-खुशी और एक दूसरे से मिलने- जुलने का त्योहार है |
होली भारत का एक प्रमुख और प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है, जिसे आज विश्वभर में मनाया जाता है |
दोस्तों, इस लेख के माध्यम से आज हम होलिका दहन की कहानी, इतिहास व Holi Festival क्यों मनाई जाती है ? इसकी जानकारी आपके साथ साझा करने जा रहे हैं |
भारत देश त्योहारों का देश है, यहाँ विभिन्न समुदाय के लोग भिन्न-भिन्न त्योहारों को बड़े उत्साह से मनाते हैं और इन्ही त्योहारों में से एक है ‘Holi Festival’
होली एक प्राचीन हिंदू पर्व है और यह हिंदू धर्म में सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है | होली का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है, क्योंकि यह हिरणकश्यप पर नरसिंह के रूप में भगवान विष्णु की जीत का स्मरण कराता है
Holi Festival in hindi (होली की कहानी व होली क्यों मनाई जाती है)
त्यौहार कोई भी हो, हरेक त्योहार की अपनी एक कहानी अवश्य होती है, जो धार्मिक मान्यताओ से जुड़ी होती है | इस त्यौहार के पीछे भी एक कहानी है यह जानते हैं:-
हिरण्यकश्यप नाम का एक राजा था, जो अपने आप को सबसे अधिक शक्तिशाली और भगवान समझता था, इसलिए वह देवताओं से नफरत करता था |
उसे देवताओं के भगवान विष्णु का नाम सुनना भी पसंद नहीं था,परंतु उसका पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था | यह बात हिरण्यकश्यप को बिलकुल पसंद नहीं थी |
वह अपने पुत्र को डरा धमका कर भगवान विष्णु की उपासना करने से रोकता था, परंतु प्रह्लाद अपने पिता की आज्ञा का पालन ना करके भगवान की भक्ति में लीन रहता था |
अपने पुत्र को भगवान की भक्ति में लीन होते हुए देख परेशान होकर एक दिन हिरण्यकश्यप ने भक्त प्रहलाद को जान से मारने की एक योजना बनाई |
हिरण्यकश्यप की बहन होलिका थी जिसको वरदान प्राप्त था, कि उसे आग पर विजय प्राप्त है | उसे अग्नी जला नहीं सकती है | उसने होलिका को अग्नी की वेदी पर प्रहलाद को लेकर बैठने को कहा |
प्रहलाद अपनी बुआ के साथ वेदी पर खुशी पूर्वक बैठ गया और भगवान की भक्ति में लीन हो गया | तभी अचानक होलिका जलने लगी और आकाशवाणी हुई |
आकाशवाणी के द्वारा होलिका को याद दिलाया गया, कि अगर वह अपने वरदान का दुरूपयोग करेगी, तब वह खुद जल कर राख हो जाएगी और ऐसा ही हुआ |
प्रहलाद का अग्नी कुछ नहीं बिगाड़ पाई वह भगवान की भक्ति करते हुए बच गए और होलिका जल कर भस्म हो गई |
लोगों ने हर्षोल्लास से उस दिन खुशियाँ मनाई | आज तक उस दिन को होलिका दहन और अगले दिन रंगों का त्योहार Holi Festival मनाया जाता है |
How to celebrate holi (कैसे मनाते हैं होली)
पूरे भारतवर्ष में होली का त्यौहार उत्साह पूर्वक मनाया जाता है, लेकिन उत्तर भारत में इस पर्व को अधिक उत्साह से मनाया जाता है |
होली का त्यौहार देखने के लिए लोग ब्रज, वृन्दावन, गोकुल जैसे स्थानों पर जाते है | इन स्थानों पर यह त्यौहार कई दिनों तक मनाया जाता हैं |
ब्रज में ऐसी प्रथा है, जिसमे पुरुष महिलाओं पर रंग डालते है और महिलाए उन्हें डंडे से मारती है, यह एक बहुत ही प्रसिद्ध प्रथा है, जिसे देखने लोग उत्तर भारत जाते है |
कई स्थानों पर फूलों की होली भी मनाई जाती है और गाने बजाने के साथ सभी एक दुसरे से गले मिलते है और खुशियाँ मनाया करते है |
महाराष्ट्र एवं मध्य भारत में रंग पञ्चमी का अधिक महत्त्व है, लोग टोली बनाकर रंग-गुलाल लेकर एक दुसरे के घर जाते है तथा एक दुसरे को रंग लगाते है और कहते है “बुरा न मानों होली है ” |
इन्दोर शहर में होली की कुछ अलग ही धूम होती है, इसे रंग पञ्चमी की “गैर” कहा जाता है, जिसमे पूरा इंदोर शहर एक साथ निकलता है |
वह लोग नाचते गाते त्यौहार का आनंद लेते हैं | इस तरह के आयोजन के लिए 15 दिन पहले से ही तैयारियां कर ली जाती है |
इस रंग बिरंगी Holi Festival को “फाल्गुन महोत्सव” भी कहा जाता है, इसमें पुराने गीतों को ब्रज की भाषा में गाया जाता है, भांग का पीना भी होली का एक विशेष भाग है |
नशे के मदमस्त होकर सभी एक दुसरे से गले लगते सारे गिले शिक्वे भुलाकर सभी एक दुसरे के साथ नाचते गाते हैं और बधाइयां देते हैं |
महिलाएं होली पर घरों में कई तरह के विशेष पकवान बनाती हैं | बगैर पकवान के यह त्यौहार अधूरा सा लगता है | स्वाद से भरे विशेष पकवान हमारे देश में खासकर होली के त्योहारों पर ही बनाया जाता है |
Be careful in Holi (होली में रखें सावधानी)
1) दोस्तों, होली रंग का त्यौहार अवश्य है पर इसे सावधानी से मनाया जाना जरुरी है | क्योंकि,आजकल रंग में मिलावट होने के कारण कई नुकसान का सामना करना पड़ता है |
2) इसलिए मेरी बात माने तो, गुलाल से होली मानना ही सही होता है | साथ ही भांग में भी अन्य नशीले पदार्थो का मिलना भी आम है इसलिए इस तरह की चीजों से बचना चाहिए |
3) गलत रंग के उपयोग से आँखों की बीमारी होने का खतरा रहता है | इसलिए मिलावटी और डुप्लीकेट वाले रंग के प्रयोग से बचें |
4) घर से बाहर बनी कोई भी वस्तु ना खाएं क्योंकि त्यौहार में और अधिक मिलावट का खतरा बढ़ जाता है | इन दिनों बाहर की चीज खाने से आप बीमार भी हो सकते हैं |
5) एक दुसरे को सावधानी के साथ रंग अथवा गुलाल लगाएं, अगर कोई ना चाहे तो जबरजस्ती नहीं करें | क्योंकि होली जैसे मस्ती वाली त्योहारों पर लड़ाई झगड़ा होने का चांस रहता है |
Holika Dahan on 6th this year, Rango Wali Holi on 8th March (इस वर्ष होलिका दहन 6 को, रंगो वाली होली 8 मार्च को)
हर बार प्रायः होली से 1 दिन पूर्व ही होलिका दहन की परंपरा चली आ रही है लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा | इस बार रंगों वाली होली 8 मार्च को है और लोगों के मन में शंका है कि फिर होलिका दहन कब किया जाए |
प्रसिद्ध आचार्य कृष्ण दास शर्मा के अनुसार यदि परंपरा को देखा जाए तो होलिका दहन 7 मार्च को बनता है, लेकिन यदि शास्त्रों के आधार पर देखा जाए तो दहन इस बार 6 मार्च यानी सोमवार को किया जाना चाहिए |
वैसे भी हमारे यहां शास्त्रों के अनुसार ही पर्वों को मनाने की परंपरा है | शास्त्रों के अनुसार फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा में प्रदोष के समय होलिका दहन का विधान बताया गया है |
धर्म शास्त्रों के अनुसार दिन में, प्रतिपदा में, चतुर्दशी एवं भद्र काल में होलिका दहन निषिद्ध बताया गया है | यदि पूर्णिमा दो दिन प्रदोष काल को व्याप्त कर रही हो तो दूसरे दिन ही प्रदोष काल में होलिका दहन किया जाता है |
This year the auspicious time for Holika Dahan will be from 8:00 to 8:55 (इस वर्ष 8:00 से 8:55 बजे तक होगा होलिका दहन का शुभ मुहूर्त)
इस वर्ष फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा 6 मार्च को ही प्रदोष व्यापिनी है | अगले दिन 7 मार्च को वह प्रदोष को बिल्कुल स्पर्श नहीं कर रही है | 6 मार्च, सोमवार को हालांकि प्रदोष काल भद्रा से व्याप्त है |
और भद्रा अर्धरात्रि से कहीं आगे जाकर अगले दिन सुबह 5:14 पर समाप्त हो रही है | अगले दिन पूर्णिमा हालांकि साढे तीन प्रहर से अधिक व्याप्त है |
परंतु प्रतिपदा का मान पूर्णिमा के कुल मान से कम होने के कारण भद्रा को स्वीकार नहीं किया जाएगा |
इसलिए 6 मार्च प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा वाले दिन भद्रामुख का विचार न करते हुए भद्रा में ही प्रदोष काल में 8:00 से 8:55 बजे तक होलिका दहन करना पूरे राष्ट्र और समाज के लिए हितकारी रहेगा |
होलिका दहन यानी असत्य पर सत्य की जीत (Holika Dahan means the victory of truth over untruth)
होलिका हिरण्यकश्यप की बहन थी और उसे अग्नि में ना जलने का वरदान प्राप्त था | हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन की गोदी में विष्णु भक्त बालक प्रहलाद को बैठाकर अग्नि में भस्म करने का कुप्रयास किया था |
प्रहलाद तो बच गया, लेकिन होलिका इस अग्नि में जलकर भस्म हो गई | इसी प्राचीन घटना के बाद से ही होलिका दहन की परंपरा चली आ रही है |
होलिका दहन से पहले होलिका को पूजने की परंपरा है | होलिका का पूजन पानी, पुष्प, गुड़, साबुत हल्दी, खील, बतासे, नारियल आदिसे करना चाहिए |
होलिका के चारों ओर अच्छी तरह से सफाई करके उसके ऊपर जल छिड़कना चाहिए | होलिका में सूखी लकड़ी, उपले, झाड़ी आदि रखकर किसी अस्पृश्य अथवा सध:प्रसूत महिला के घर से अग्नि मंगवा कर होलिका दहन कर देना चाहिए |
Holi Shayari (होली शायरी)
सब रंगों को मिलाकर पानी में,
सतरंगी नदियां बहाई हैं…
कर देंगे सबके चेहरों को लाल,
होली की ऐसी खुमारी छाई है…
लगा दो रंग आज कोई बच के ना जा पाए,
क्योंकि सबसे सतरंगी होली आई है…
(हैप्पी होली दोस्तों)
प्यार के रंगों से भरी पिचकारी,
स्नेह के रंगों से रंग दो दुनिया सारी…
यह रंग न जाने ना कोई जात ना बोली,
सबको हो मुबारक यह हैप्पी होली…
(हैप्पी होली दोस्तों)
सूरज की पहली किरण में सात रंग हो,
बागों में फूलों की खुशबू संग हो…
जब आप खोलें अपनी पलकें,
आपके चेहरे पर होली का रंग हो…
(हैप्पी होली दोस्तों)
साथियों, इस आर्टिकल के माध्यम से हमने Holi Festival और How to celebrate holi संबंधित जानकारी दी है | आपको यह जानकारी अच्छी लगी, तो यह आप अपने दोस्तों और सोशल मीडिया पर Share कर सकते हैं |
तो फिर मिलते हैं आपसे अगले आर्टिकल में एक नई जानकारी के साथ, तब तक के लिए आप zeebiz.in पर हमारे साथ जुड़े रहें | धन्यवाद !
FAQ:
Q: साल 2023 में होली कब है ?
Ans: साल 2023 में होली 8 March को मनाई जाएगी |
Q: होलिका दहन कब है ?
Ans: होलिका दहन 7 March को है |
Q: होली किसकी बेटी है ?
Ans: कश्यप ऋषि और दिति की कन्या का नाम होली है जिसे होलिका के नाम से भी जानते हैं |
Q: होलिका दहन का मुहूर्त कब है ?
Ans: होलिका दहन का मुहूर्त का समय शाम 06:31 मिनट से रात 08:58 मिनट तक है |
Q: होली कौन से महीने में मनाई जाती है ?
Ans: होली हर वर्ष March (फाल्गुन) में मनाई जाती है |