Sadgi se sukh kaise payen | सादगी अपनाएं जीवन को सुखी बनाएं 

दोस्तों – दीपावली का त्यौहार नजदीक है, बाजार सामानों से भरे हुए हैं | तारक भड़क से भरे इस पर्व में भी क्या सादगी किसी काम में आ सकती है ?

हां, किसी गरीब के लिए यह भी जरूरी हो सकती है,और दौलतमंद के लिए बेकार की बात | क्योंकि लोगों ने अपने मन में नागफनी की तरह अनंत इच्छाओं को बो रखा है | 

जिसकी चुभन उन्हें चारों ओर से परेशान किए रहती है | क्या इच्छाओं की यह बहुलता जीवन को जटिलताओं के चक्रव्यूह में फंसा चुकी है ? 

क्या इच्छाओं के पूरी न होने पर तनाव और अवसादवाद अब घेरने लगे हैं ? Sadgi se sukh kaise payen ? इन सभी परेशानियों का एक सरल उपाय है सादगी | 

अगर आप सादगी से सुख पाना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है तो आईए जानते हैं Sadgi se sukh kaise payen 

इस सादगी के बलबूते पर आप अपनी इच्छाओं पर लगाम लगाकर,अपनी जरूरतों के पांव को,आमदनी की चादर के भीतर रखकर,आसानी से सहज जीवन जी सकते हैं | 

आप सीमित संसाधनों में भी आडंबरहीन जीवन जी कर, प्रसन्नचित रहकर असीमित आनंद उठा सकते हैं | पर हम करते क्या हैं ?

हम अपनी बुद्धि का दुरुपयोग कर, दुनिया भर की कुटिलता, अहंकार, लालच, घृणा, क्रोध और निर्दयता जैसे गुणों को अपनाकर अपने जीवन को जटिल बनाने में लगे हुए हैं | 

आखिर वे कौन सी वजह है,जो Sadgi se sukh kaise payen के लिए अवरोधक हैं ? मेरे ख्याल से दिखावे की आदत सादगी से भटकने वाला सबसे बड़ा कारक है | 

जैसे कि आपके पड़ोसी के पास कोई अच्छी कार है तो आपको भी वही या उससे महंगी गाड़ी चाहिए, चाहे आपको उसकी जरूरत हो या नहीं हो | 

असल में,जरूर से ज्यादा वस्तुओं का संग्रह ही बड़ी खतरनाक प्रवृत्ति है | जब तक आप अपनी वास्तविक जरूरत और बे फालतू की इच्छाओं में फर्क करना नहीं सीखेंगे, तब तक यूं ही परेशान होते रहेंगे | 

हां, कुछ लोग कह सकते हैं कि महंगे कपड़े, महंगी वस्तुएं सम्मान का प्रतीक है | और वे लोग समाज में सम्मान पाने के लिए इसे खरीदते हैं | वह नहीं जानते हैं कि Sadgi se sukh kaise payen ?

आपको यह बता दूं कि, इसके लिए वह ज्यादा मेहनत और कमाई भी करते हैं | पर सोचने वाली बात यह है कि क्या वाकई में हमारा पैसा हमारे सम्मान का कारण है ? 

आज के वैचारिक शून्यता वाले परिवेश में यह बात काफी हद तक सच मानी जा सकती है | मगर ऐसा नहीं है | असली सम्मान हमारे कार्यों और विचारों से मिलता है,पैसों से नहीं |

पैसों से कमाया गया सम्मान कुछ क्षणों के लिए होता है | जबकि विचारों और सत्कर्मों से कमाया गया सम्मान हमेशा के लिए होता है | आप स्वामी विवेकानंद जी को देखिए, इनके आध्यात्मिक जीवन में सादगी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई |

उन्होंने युवाओं को सादगी,आत्मसमर्पण,और आत्म साक्षरता का संदेश दिया और अपने जीवन में इसे प्रमाणिकता से अपनाया | 

ठीक इसी तरह महात्मा गांधी जी का जीवन सादगी का अद्वितीय उदाहरण था | वे नए कपड़े पहनने के बजाय खादी वस्त्र धारण करते थे | गांधीजी अपनी सादगी के साथ सबको एकता और आत्मनिर्भरता की महत्वपूर्ण बातें सीखाते थे | 

वह महापुरुष सादगी के माध्यम से जीवन को सरल बनाने और दुनिया को अच्छाई की दिशा में ले जाने में कार्य करते रहे, और हमें यह बताया की सादगी जीवन को सुखमय और सार्थक बना सकती है | 

सच में, सादगी जीवन का सबसे महत्वपूर्ण आभूषण है | सादगी को जिस किसी ने अपनाया है उसने ही वास्तविक सुख का अर्थ भी जाना है |

तो क्यों ना हम अनंत इच्छा रूपी समुद्र के खारे  पानी की जगह सादगी के अमृत का स्वाद चखे | 

साथियों, इस लेख में हमने Sadgi se sukh kaise payen से संबंधित सभीजानकारी दी | अंत में मैं आपको यह कहना चाहता हूं कि इस महंगाई के युग में आप सादगी अपनाएं तथा जीवन को सुखी बनाएं |