Shakti peeth in india | जानिए ,सती के कितने टुकड़े हुए और कहां-कहां गिरे

साथियों, इस लेख के माध्यम सेआज हम Shakti peeth in india से जुड़ी हुई महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं जो हिंदू धर्म के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है | अगर आप शक्तिपीठ से जुड़ी जो कथा है इसके बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक पढ़ें | तो आईए दोस्तों Shakti peeth in india के संदर्भ में विस्तार से  जानते हैं | 

हिंदू धर्म के पुराने के अनुसार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े,धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे,वहां वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आया | यह शक्तिपीठ पूरे भारतीय उपमहाद्वीपमें फैले हुए हैं | देवी पुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है | Shakti peeth in india के संदर्भ में जानने के लिए आगे पढ़ेंऔर जानें | 

हालांकि देवी भागवत में जहां 108 और देवी गीता में 72 शक्तिपीठों का जिक्र मिलता है,वहीं तनचूड़ामणि में 52 शक्तिपीठ बताए गए हैं | देवी पुराण में जरूर 51 शक्तिपीठों की ही चर्चा की गई है | इन 51 शक्तिपीठों में से कुछ विदेश में भी है | वर्तमान में भारत में 9,बांग्लादेश में 4,श्री लंका में 9,तिब्बत में 9,तथा नेपाल में 2 शक्तिपीठ हैं | 

51 Shakti peeth list pdf 

माता के इन 51 शक्तिपीठों के बनने के संदर्भ में जो कथा हैं, वह यह है कि राजा प्रजापति दक्ष की पुत्री के रूप में माता जगदंबिका ने सती के रूप में जन्म लिया था और भगवान शिव से विवाह किया | 

एक बार मुनियों का समूह यज्ञ करवा रहा था | यज्ञ में सभी देवताओं को बुलाया गया था | जब राजा दक्ष आए तो सभी लोग खड़े हो गए लेकिन भगवान शिव खड़े नहीं हुए | भगवान शिव दक्ष के दामाद थे | यह देखकर राजा दक्ष बेहद क्रोधित हुए | 

दक्ष अपने दामाद शिव को हमेशा निराधार भाव से देखते थे | सती के पिता के राजा प्रजापति दक्ष ने कनखल (हरिद्वार) में ‘बृहस्पति सर्व / ब्रिहासनी’ नामक यज्ञ का आयोजन किया गया था |

इस यज्ञ में ब्रह्मा, विष्णु, इंद्र और अन्य देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया, लेकिन जान बूझकर अपने जामाता और सती के पति भगवान शिव को इस यज्ञ में शामिल होने के लिए निमंत्रण नहीं भेजा गया था | 

जिससे भगवान शिव इस यज्ञ में शामिल नहीं हुए | नारद जी से सती को पता चला कि उनके पिता के यहां यज्ञ हो रहा है लेकिन उन्हें आप मंत्री नहीं किया गया है | इसे जानकर वह क्रोधित हो उठी | नारद ने उन्हें सलाह दी कि पिता के यहां जाने के लिए बुलावे की जरूरत नहीं होती है | 

जब सती अपने पिता के घर जाने लगी तब भगवान शिव ने मना कर दिया लेकिन सती पिता के द्वारा ना बुलाए जाने पर और शंकर जी के रोकने पर भी यज्ञ में शामिल होने चली गई | यज्ञ स्थल पर सती ने अपने पिता दक्ष से शंकर जी को आमंत्रित नहीं करने का कारण पूछा और पिता से उग्र विरोध प्रकट किया | 

इस पर दक्ष ने भगवान शंकर के विषय में सती के सामने ही अपमानजनक बातें करने लगे | इस अपमान से पीड़ित सती को यह सब बर्दाश्त नहीं हुआ और वही यज्ञ अग्नि कुंड में कूद कर अपनी प्राण आहुति दे दी |

भगवान शंकर को जब इस दुर्घटना का पता चला तो क्रोध से उनका तीसरा नेत्र खुल गया | सर्वत्र प्रलय सा हाहाकार मच गया | भगवान शंकर ने दक्ष का सर काट दिया और अन्य देवताओं को शिव निंदा सुनने की सजा दी | उनके गुणों के उग्र कोप से भयभीत सारे देवता और ऋषिगण यज्ञ स्थल से भाग गए | 

तब भगवान शिव ने सती के वियोग में यज्ञ कुंड से सती के पार्थिव शरीर को निकाल कंधे पर उठा लिया और दु:खी हुए संपूर्ण भूमंडल पर भ्रमण करने लगे | भगवान सती अंतरिक्ष में शिव को दर्शन दिया उनसे कहा कि जिस-जिस स्थान पर उनके शरीर के खंड विभक्त होकर गिरेंगे, वहां महाशक्ति पीठ का उदय होगा | 

सती का शव लेकर शिव पृथ्वी पर विचरण करते हुए तांडव नृत्य भी करने लगे, जिससे पृथ्वी पर प्रलय की स्थिति उत्पन्न होने लगी | पृथ्वी समेत तीनों लोगों को व्याकुल देखकर और देवों के अनुनय-विनय पर भगवान विष्णु सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को खंड-खंड कर धरती पर गिरते गए | 

जब-जब शिव नृत्य मुद्रा में अपने पैर पटकते, विष्णु अपने चक्र से शरीर का कोई अंग काट कर उसके टुकड़े पृथ्वी पर गिरा देते | ‘तंत्र-चूड़ामणि’ के अनुसार इस प्रकार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े,या धारण किए आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आया |

इस तरह कुल मिलाकर 51 स्थानो में माता शक्तिपीठों का निर्माण हुआ | अगले जन्म में सती ने हिमवान राजा के घर पार्वती के रूप में जन्म लिया और घोर तपस्या कर शिव को पुनः पति के रूप में प्राप्त किया |

51 Shakti peeth list with states  

तो आईए विस्तार से जानते हैं 51 Shakti peeth list with body parts

1) Kirit Shakti peeth – करीट शक्तिपीठ  

करीट शक्तिपीठ,पश्चिम बंगाल के हुगली नदी के तट पर लालबाग कोट पर स्थित है | यहां सती माता करीट का यानी मुकुट गिरा था | यहां की शक्ति विमला अथवा भुवनेश्वरी तथा भैरव संवर्त है | शक्ति का मतलब माता का रूप जिसकी पूजा की जाती है तथा भैरव का मतलब शिवजी का अवतार जो माता के इस रूप के स्वंगी है | 

2) Katyayani Shakti peeth – कात्यायनी शक्तिपीठ 

वृंदावन,मथुरा के भूतेश्वर में स्थित है | कात्यायनी वृंदावन,शक्तिपीठ जहां सती का केशपाश गिरा था | यहां की शक्ति देवी कात्यायनी है तथा भैरव भूतेश हैं | 

3) Karveer Shakti peeth – करवीर शक्तिपीठ 

महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्थित है यह शक्तिपीठ,जहां माता का त्रिनेत्र गिरा था | यहां की शक्ति महिषासुर मर्दिनी तथा भैरव कोधशिश है | यहां महालक्ष्मी का निज निवास माना जाता है | 

4) Kirit Parvat Shakti peeth –  करीट पर्वत शक्ति पीठ 

इस शक्तिपीठ को लेकर विद्वानों में मन अंतर है कुछ विद्वानों का मानना है कि इसका मूल स्थल लद्दाख है, जबकि कुछ का मानना है कि या आसाम के सिलहट में है | माता सती का दक्षिण  तल्प  यानी कनपटी गिरा था | यहां की शक्ति श्री सुंदरी एवं भैरव सुंदरानंद है |  

5) Vishalakshi Shakti peeth – विशालाक्षी शक्तिपीठ  

विशालाक्षी शक्तिपीठ उत्तर प्रदेश, वाराणसी के मीरघाट पर स्थित है | जहां माता सती के दाहिने कान के मणि गिरे थे | यहां की शक्ति विशाल लक्ष्मी तथा भैरव काल भैरव है |  

6) Godavari Shakti peeth – गोदावरी शक्तिपीठ 

गोदावरी शक्ति पीठआंध्र प्रदेश के kabboor में गोदावरी तट पर स्थित है | यह शक्तिपीठ,जहां माता का वामगंड यानी वाया कपोल गिरा था | यहां की शक्ति विशेश्वरी या रुक्मणी तथा भैरव दंडपाणी है | 

7) Suchindram Shakti peeth – सुचिंद्रम शक्तिपीठ 

यह शक्तिपीठ तमिलनाडु, कन्याकुमारी के त्रिसागर संगम स्थल पर स्थित है | यह सुचिंद्रम शक्तिपीठ,जहां सती के उफध्वदंत पृष्ठ से भागद्ध गिरे थे | यहां की शक्ति नारायण तथा भैरव संहार या संकुर है | 

8) Panchsagar Shakti peeth – पंचसागर शक्तिपीठ 

इस शक्तिपीठ का कोई निश्चित स्थान ज्ञात नहीं है | परंतु यहां पर माता के दांत गिरे थे | यहां की शक्ति वाराही तथा भैरव महा रूद्र हैं |

9) Jwalamukhi Shakti peeth – ज्वालामुखी शक्तिपीठ 

ज्वालामुखी शक्तिपीठ हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में स्थित है जहां पर सती का जिहवा  गिरी थी | यहां की शक्ति सिद्धिदा व भैरव है |  

10) Bhairav parvat Shakti peeth – भैरव पर्वत शक्तिपीठ 

इस शक्तिपीठ को लेकर विद्वानों में कुछ मतभेद है | क्योंकि कुछ गुजरात के बिरिनार के निकट भैरव पर्वत को तो कुछ मध्य प्रदेश के उज्जैन के निकट शिप्रा नदी तट पर वास्तविक शक्तिपीठ मानते हैं,जहां माता का उपध्व ओठ गिरा था | 

11) Attahas Shakti peeth – अटहास शक्तिपीठ  

यह शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल के लाबपुर में स्थित है जहां माता का नीचे का होंठ गिरा था | यहां की शक्ति पफुल्लरा तथा भैरव विश्वेश है | 

12) Janasthan Shakti peeth – जनस्थान शक्तिपीठ 

यह शक्तिपीठ महाराष्ट्र के नासिक के पंचवटी में स्थित है | कहा जाता है कि यहां पर माता की Thuddi  गिरी थी | यहां की शक्ति भ्रामरी तथा भैरव विक्रताक्षा है | 

13) Amarnath Shakti peeth – अमरनाथ शक्तिपीठ

यह शक्तिपीठ जम्मू के अमरनाथ में स्थित है जहां पर माता का कंठ गिरा था | यहां की शक्ति महामाया तथा भैरव त्रिसंध्यशश्वर हैं | 

14) Nandipur Shakti peeth – नंदीपुर शक्तिपीठ 

यह शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल के Santhya में स्थित है जहां देवी की देह कंठहार गिरा था | यहां की शक्ति नंदिनी और भैरव नींदकेश्वर हैं | 

15) Shri Shail Shakti peeth – श्री शैल शक्तिपीठ  

यह शक्तिपीठ आंध्र प्रदेश के कुरनूल के पास है | जहां माता का ग्रीवा गिरा था | यहां की शक्ति महालक्ष्मी तथा भैरव ईश्वरानंद हैं | 

16) Nalhati Shakti peeth – नलहटी शक्तिपीठ 

नलहटी शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल के बोलपुर में स्थित है | जहां माता की उदरनली गिरी थी | यहां की शक्ति कालिका तथा भैरव योगीश हैं |

17) Mithila Shakti peeth – मिथिला शक्तिपीठ  

इसका निश्चित स्थान अज्ञात है | इस स्थान को लेकर मनअंतर है | तीन स्थानों पर मिथिला शक्तिपीठ को माना जाता है | वह है नेपाल के जनकपुर,बिहार के समस्तीपुर और सहरसा,जहां माता का वाम स्कंध गिरा था | यहां की शक्ति उमा या महादेवी तथा भैरव है | 

18) Ratnavali Shakti peeth – रत्नावली शक्तिपीठ 

इस शक्तिपीठ का निश्चित स्थान अज्ञात है | बताया जाता है कि यह तमिलनाडु के चेन्नई में कहीं स्थित है | रत्नावली शक्तिपीठ जहां माता का दक्षिण स्कंध गिरा था | यहां की शक्ति कुमारी तथा भैरव शिव हैं | 

19) Ambaji Shakti peeth – अंबाजी शक्तिपीठ 

यह शक्तिपीठ गुजरात के जूनागढ़ के गिरनार पर्वत के शिखर पर है | जहां देवी अंबिका का भव्य विशाल मंदिर है,जहां माता का उदर गिरा था | यहां की शक्ति चंद्रभागा तथा भैरव वक्रतुंड है | ऐसी मान्यता है कि गिरनार पर्वत के निकट ही सती का Udhhvosth गिरा था | जहां की शक्ति अवंती तथा भैरव लंबकर्ण है | 

20) Jalandhar Shakti peeth – जालंधर शक्तिपीठ 

यह शक्तिपीठ पंजाब के जालंधर में स्थित है जहां माता का वाम स्तन गिरा था | यहां की शक्ति त्रिपुरमाजिनी तथा भैरव भीशण है | 

21) Ramgiri Shakti peeth – रामगिरी शक्तिपीठ 

इस शक्तिपीठ की स्थिति को लेकर भी विद्वानों में मतांतर है | कुछ उत्तर प्रदेश के चित्रकूट तो  कुछ मध्य प्रदेश के मैहर में मानते हैं | जहां माता का दाहिना स्तन गिरा था | यहां की शक्ति शिवानी तथा भैरव चंड हैं | 

22) Baidyanath Shakti peeth –  वैद्यनाथ शक्तिपीठ 

यह शक्तिपीठ झारखंड के गिरिडीह,देवघर में स्थित है | वैद्यनाथ शक्तिपीठ जहां माता का हृदय गिरा था | यहां की शक्ति जय दुर्गा तथा भैरव वैद्यनाथ हैं | एक मान्यता के अनुसार यहीं पर सती का दाह संस्कार भी हुआ था | 

23) Vakreshwar Shakti peeth – वरकरेश्वर शक्तिपीठ 

माता का यह शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल के Santhya में स्थित है | जहां माता का मन गिरा था | यहां की शक्ति महिषासुर मर्दिनी तथा भैरव Vaktranath  हैं | 

24) Kanyakumari Shakti peeth – कन्याकुमारी शक्तिपीठ 

तमिलनाडु के कन्याकुमारी के तीन सागरों हिंद महासागर,अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी के संगम पर स्थित है | कन्यकाश्रम कन्याकुमारी शक्तिपीठ,जहां माता का पीठ मतांतर से उद्धवदंत  गिरा था | यहां की शक्ति नारायणी तथा भैरव Nimashi हैं | 

25) Bahula Shakti peeth – बहुला शक्तिपीठ  

यह शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल के कटवा जंक्शन के निकट केतुग्राम में स्थित है | जहां माता का वाम बाहु गिरा था | यहां की शक्तिबहुला तथा भैरव भीरुक हैं | 

26) Ujjaini Shakti peeth – उज्जैनी शक्तिपीठ 

यह शक्तिपीठ मध्य प्रदेश के उज्जैन के पावन शिप्रा नदी के दोनों तटो पर स्थित है | जहां माता का कुहनी गिरा था | यहां की शक्ति मंगल चंडिका तथा भैरव कपिलॉन्बर हैं | 

27) Manivedika Shakti peeth – मणिवेदिकाशक्तिपीठ

यह शक्तिपीठ राजस्थान के पुष्कर में स्थित है | जिसे गायत्री मंदिर के नाम से जाना जाता है | यही माता की कलाइयां गिरी थी | यहां की शक्ति गायत्री तथा भैरव सर्वानंद हैं | 

28) Prayag Shakti peeth – प्रयाग शक्तिपीठ 

यह शक्तिपीठ उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में स्थितहै | यहां माता की हाथ की उंगलियां गिरी थी | लेकिन,स्थान को लेकर मतभेद है | इसे अक्षयवट,मीरपुर और अलोपी स्थान में गिरा माना जाता है | तीनों शक्तिपीठ की शक्ति ललिता तथा भैरव भव हैं

29) Utkal Shakti peeth – उत्कल शक्तिपीठ 

यह शक्तिपीठ उड़ीसा के पुरी और याजपुर में माना जाता है जहां माता की नाभि गिरी थी | यहां की शक्ति विमला और भैरव जगन्नाथ पुरुषोत्तम है | 

30) Kanchi Shakti peeth – कांची शक्तिपी

यह शक्तिपीठ तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थित है | यहां पर माता का कंकाल गिरा था | यहां की शक्ति देवगर्भा तथा भैरव रूरू है | 

31) Kalmadhav Shakti peeth –  कालमाधव शक्तिपीठ  

इस शक्तिपीठ के बारे में कोई निश्चित स्थान ज्ञात नहीं है | परंतु,यहां माता का वाम नितंब गिरा था | यहां की शक्ति काली तथा भैरव आसितांग हैं | 

32) Shondesh Shakti peeth –  शोण शक्तिपीठ  

मध्य प्रदेश के अमरकंटक के नर्मदा मंदिर शोण शक्तिपीठ है | यहां माता का दक्षिण नितंब गिरा था | दूसरी मान्यता यह है कि बिहार के सासाराम का तारा चंडी मंदिर ही शोण तटस्थता शक्तिपीठ है | ऐसा माना जाता है कि यहां सती का दांया नेत्र गिरा था | यहां की शक्ति नर्मदा तथा भैरव भद्र सेन है | 

33) Kamakhya Shakti peeth – कामाख्या शक्तिपीठ  

कामाख्या शक्तिपीठ असम के गुवाहाटी में कामगिरी पर्वत पर स्थित है | जहां माता का योनि गिरा था | यहां की शक्ति कामाख्या तथा भैरव उमानंद है | 

34) Jayanti Shakti peeth – जयंती शक्तिपीठ 

यह शक्तिपीठ मेघालय के जयंतिया पहाड़ी पर स्थित है | जहां माता का वाम जंघा गिरा था | यहां की शक्ति जयंती तथा भैरव क्रमदीश्वर हैं | 

35) Magadh Shakti peeth – मगध शक्तिपीठ 

बिहार की राजधानी पटना में स्थित पटनेश्वरी देवी को ही मगध शक्तिपीठ माना जाता है |  जहां माता का दाहिना जंघा था | यहां की शक्ति सर्वानंदकरी तथा भैरव Vyomkesh हैं | 

36) Trishota Shakti peeth –  त्रिशहोता शक्तिपीठ 

यह शक्ति पीठ पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी के शालबाड़ी गांव में तीस्ता नदी पर स्थित है | जहां माता का वाम पाद गिरा था | यहां की शक्ति भ्रामरी तथा भैरव ईश्वर हैं |

37) Tripura Shakti peeth – त्रिपुरा सुंदरी शक्तिपीठ 

त्रिपुरा सुंदरी शक्तिपीठ त्रिपुरा के राजकिशोर ग्राम में स्थित है | जहां माता का दक्षिण पाद गिरा था | यहां की शक्ति त्रिपुर सुंदर तथा भैरव त्रिपुरेश हैं |  

38) Vibhash Shakti peeth – विभाश शक्तिपीठ 

यह शक्तिपीठ बंगाल के मिदनापुर के Tamarluk ग्राम में स्थित है | जहां माता का वाम टखना रखना गिरा था | यहां की शक्ति कपालिनी भीम रूपा भैरव सर्वानंद हैं | 

39) Devikoop kurukshetra Shakti peeth – देवीकूप कुरुक्षेत्र शक्तिपीठ  

यह शक्तिपीठ हरियाणा के कुरुक्षेत्र जंक्शन के निकट और अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी के संगम पर स्थित है | जहां माता का पीठ मतांत्तर से उद्धवदंत गिरा था | यहां की शक्ति सर्वाणी नारायणी तथा भैरव स्थानु है | 

40) Yugaya Shakti peeth – युगाया शक्तिपीठ

यह शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिले के क्षिरग्राम में स्थित है | यहां सती के दाहिने चरण का अंगूठा गिरा था | यहां की शक्ति जुगाड़या और भैरव क्षिर खंडक हैं | 

41) Virat Shakti peeth – विराट शक्तिपीठ 

यह की शक्तिपीठ राजस्थान के गुलाबी नगरी जयपुर के विराट ग्राम में स्थित है | यहां सती के दाएं पांव की उंगलियां गिरी दी थी | यहां की शक्ति अंबिका तथा भैरव अमृत हैं | 

42) Kalighat Shakti peeth –  कालीघाट शक्तिपीठ

यह शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल के कोलकाता के कालीघाट में काली मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है | जहां माता के दाएं पांव का अंगूठा को छोड़कर चार अन्य उंगलियां गिरी थी | यहां की शक्ति कालिका तथा भैरव नकुलेश हैं |  

43) Manas Shakti peeth –  मानस शक्ति पीठ 

यह शक्ति पीठ तिब्बत के मानसरोवर तट पर स्थित है | जहां माता का दाहिना हथेली का निपात हुआ था |यहां की शक्ति दाक्षायणी तथा भैरव अमर हैं | 

44) Lanka Shakti peeth –  लंका शक्तिपीठ 

यह शक्तिपीठ श्रीलंका में स्थित है जहां माता का नूपुर गिरा था | यहां की शक्ति इंद्राक्षी तथा भैरव Raksheshwer हैं | लेकिन वह स्थान ज्ञात नहीं है जहां पर नूपुर गिरे थे | 

45) Gandaki Shakti peeth – गंडकी शक्तिपीठ  

यह शक्तिपीठ नेपाल के गंडकी नदी के उद्गगम पर स्थित है | जहां सती के दक्षिण गणकपोल गिरा था | यहां की शक्ति गंडकी तथा भैरव चक्रपाणि है | 

46) Guhyeshwari Shakti peeth – गुहेश्वरी शक्ति पीठ 

यह शक्तिपीठ नेपाल के काठमांडू में पशुपतिनाथ मंदिर के पास ही स्थित है | जहां माता सती के दोनों घुटने गिरे थे | यहां की शक्ति महामाया और भैरव कपाल हैं |

47) Hinglaj Shakti peeth – हिंगलाज शक्तिपीठ 

यह शक्तिपीठ पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में है | जहां माता का सर का ऊपरी भाग गिरा था | यहां की शक्ति कोठरी तथा भैरव भीम लोचन है | 

48) Sugandha Shakti peeth – सुगंधा शक्तिपीठ 

यह शक्तिपीठ बांग्लादेश के खुलना के बेगड़ा के करतोया नदी के तट पर स्थित है | जहां माता का नासिका गिरा था | यहां के देवी सुनंदा तथा भैरव त्रयंबक है | 

49) Kartoyaghat Shakti peeth – कारतोया घाट शक्तिपीठ

यह शक्तिपीठ बांग्लादेश के भवानीपुर बेगड़ा नदी के तट पर स्थित है | जहां माता का वाम तल्प गिरा था | यहां देवी अपर्णा रूप मेंतथा शिव वामन भैरव रूप में वास करते हैं | 

50) Chattal Shakti peeth – चेटल शक्तिपीठ  

यह शक्तिपीठ बांग्लादेश के चटगांव में स्थित है | जहां माता का दाहिना भुजा गिरा था | यहां की शक्ति भवानी तथा भैरव चंद्रशेखर हैं | 

51) Yashor Shakti peeth – यशोर शक्तिपीठ  

यह शक्तिपीठ बांग्लादेश के जैसोर खुलना में स्थित है | जहां माता की बाई  हथेली गिरी थी | यहां की शक्ति यशोरेश्वरी तथा भैरव चंद्र हैं |

निष्कर्ष: 

उपरोक्त आर्टिकल के माध्यम से हमने Shakti peeth in india तथा 51 Shakti peeth list with body parts की जानकारी दी है | उम्मीद है आप सबको यह जानकारी अवश्य अच्छी लगी होगी |

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