Yoga day 2023 | अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 की पूर्ण जानकारी

Theme of international yoga day

साथियों, अंतर्राष्ट्रीय Yoga day 2023 (योग दिवस) 21 June 2023 समारोह का उद्देश्य योग की समग्र प्रकृति के बारे में जागरूकता पैदा करना और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य के लिए इसे अपने दैनिक जीवन में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करना है | 

अंतर्राष्ट्रीय Yoga day 2023 योग दिवस के मौके पर 21 जून को दिल्ली के परिषद क्षेत्र नेहरू पार्क, लोधी गार्डन, तालकटोरा गार्डन, कर्तव्य पथ, न्यू मोती बाग-आईएएस निवास क्षेत्र, संजय झील, सिंगापुर पार्क और कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में योग कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा | 

आपको बता दूं कि, योग तन और मन को स्वस्थ और सहज बनाए रखने का दर्शन है | योग करना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है इसे सही तरीके से करना | 

इस आर्टिकल के माध्यम से आज हम Yoga day 2023 योग के विज्ञान और इसकी जरूरत पर जरूरी जानकारी देने जा रहे हैं | 

दोस्तों, पहले ऋषि मुनि ही योगिक क्रियाएं करते थे | अब आज के समय में योग की पहुंच दुनिया भर में बढ़ गई है | 

तनाव, अकेलापन, डिप्रेशन और जीवन शैली से जुड़े रोगों के कारण योग की जरूरत भी अब पहले से कहीं अधिक है | 

योग-प्राणायाम ‘अष्टांग योग’ की ऐसी अनूठी प्रणाली है, जो सीधे तौर पर तन-मन और आत्मा को सही तरीके से एक लय में काम करने की रास्ता दिखाती है | 

योग केवल शरीर को स्वस्थ नहीं रखता है, इससे जीवन जीने का नजरिया भी बदलता है | आजकल बड़े-बड़े एलोपैथिक अस्पतालों में भी योग काउंसलर नियुक्त किए जाने लगे हैं |  

आपने देखा होगा कि अपने योग प्रशिक्षण के दौरान लोग घर पर,या पार्कों में बेहतरीन ढंग से योगिक क्रियाएं करते हैं, जिससे योग का पूरा असर नहीं मिलता है | 

योग का सही क्रम है – सूक्ष्म क्रियाएं, आसन, प्राणायाम तत्पश्चात ध्यान 

कितना समय सही – Yoga day 2023 

अगर आप सही तरीके से सूक्ष्म क्रियाएं, आसान, प्राणायाम और मेडिटेशन करें तो पूरा सत्र 80 मिनट का होना चाहिए | 

अपनी सामर्थ्य के मुताबिक किया अवधि 40 मिनट की भी हो सकती है | योग और प्राणायाम शुरू में किसी योग विशेषज्ञ की निगरानी में करें | 

योग हमेशा खाली पेट किया जाना चाहिए | योगासन या प्राणायाम करने से एक घंटा पहले एक गिलास नींबू पानी पी लें | 

इससे शरीर डीटॉक्सिफाई हो जाता हैऔर ताजगी बनी रहती है | शुरुआत हमेशा हल्के और आसान आसन से ही करें | 

सूक्ष्म क्रियाएं         –          10 मिनट  

योगासन               –           30 मिनट   

शवासन                –           05 मिनट   

प्राणायाम              –            20 मिनट  

ध्यान                    –            15 मिनट    

योग के लिए सूक्ष्म क्रियाएं हैं जरूरी   

सूक्ष्म क्रियाओं को योग सत्र का जरूरी हिस्सा माना गया है | योग करने से पहले 10 मिनट तक सूक्ष्म क्रियाएं करना बेहद जरूरी है | 

सूक्ष्म क्रियाओं से हाथ पैरों के अलग-अलग जोड़ों, हड्डियों के लिगामेंट्स और समस्त नस-नाड़ियों पर अलग-अलग दिशाओं में दबाव और खिंचाव दिया जाता है | 

सूक्ष्म क्रियाओं के प्रभाव से जोड़ों पर स्थित अति सूक्ष्म रक्त वाहिनीओं में फंसे हुए यूरिक एसिड और दूषित कण अपना स्थान छोड़ देते हैं और हमारी अस्थियों में शुद्ध रक्त की आपूर्ति होने लगती है |    

संपूर्ण आसन है सूर्य नमस्कार- Yoga day 2023 in india   

सूर्य नमस्कार, योग में सबसे महत्वपूर्ण आसन है जो 8 आसन और 12 चरण में पूरा होता है | इसे करने से पूरे शरीर का व्यायाम हो जाता है | 

शुरुआत में इसे एक से दो बार ही करना चाहिए | प्रतिदिन एवं नियमित अभ्यास से क्षमता विकसित होने पर आप इसे 5 से 6 बार भी कर सकते हैं | 

ध्यान रखें कि योग में समस्त किया है सहजता से होनी चाहिए, हठ पूर्वक नहीं | साथ ही हर क्रिया दाएं और बाएं दोनों ओर से करना चाहिए | 

सांस व सीमाएं समझें – Yoga day 2023 theme in hindi 

हर एक आसन की प्रारंभिक स्थिति ग्रहण करते समय मुंह बंद रखें | नासिका से सांस भरते हुए संतुलन बनाएं और हाथ पैरों में पूरा खिंचाव दें | 

तत्पश्चात स्वास नासिका से खाली करते हुए आसन की पूर्ण अवस्था तक पहुंचने का अपनी सामर्थ्य व क्षमता  के मुताबिक पूरा प्रयास करना चाहिए | 

फिर जितने समय अंतराल तक आप आसन में रुक सकते हैं,तो अपने सांसों को सामान्य बनाए रखें | 

ना रुका जाए तो धीरे-धीरे नाक से स्वास छोड़ते हुए वापिस आ जाएं, और सामान्य अवस्था में थोड़ी देर विश्राम करें | 

बिना हिले दुले सुख पूर्वक अधिकाधिक समय तक एक ही अवस्था में रुकना ही आसान है | ध्यान रहे कि बीमार या चोट लग जाने पर योग ना करें | 

विभिन्न स्थितियों में योग गुरु भी कुछ आसनों से परहेज रखने की सलाह देते हैं | अगर किसी व्यक्ति को कमर दर्द, सर्वाइकल, स्पेनडीलाइट इसकी समस्या है तो वह आगे झुकने वाले आसन ना करें | 

ऐसे में भुजंगासन,गोमुखासन, मर्कटासन, शलभ आसन औरअर्धमत्स्यद्रासन करें | ह्रदय, बीपी और दमा के मरीज मयूरासन, सर्वांगासन, हलासन, भ्रामरी का प्राणायाम नहीं करें |

आसन के बाद करें यह पांच प्राणायाम- Yoga day 2023  

आमतौर पर तन और मन से स्वस्थ व्यक्ति की सांस लेने और छोड़ने की गति संयमित, संतुलित और लयबद्ध होती है | 

वहीं एक क्रोधित, चिंतित, तनावग्रस्त और रोगी व्यक्ति के स्वासो की गति तीव्र या मंद और अनियंत्रित पाई जाती है |  

प्राणायाम से सांसो को साधा जाता है,आसन करने के बाद प्राणायाम भी करें इसके लिए  निम्न कुछ बातों का ध्यान रखें :-  

# आसन के अंत में पहले 5 मिनट शवासन में आराम जरूर करें | प्राणायाम हमेशा खाली पेट करें | चलते यह टहलते हुए प्राणायाम नहीं करना चाहिए | 

# प्राणायाम साफ आसन पर शांत चित्त होकर सुखासन में बैठकर करें और अपने रीढ को सीधी रखें तथा हल्की मुस्कान और सांसो की गति धीमी रखें |

# प्राणायाम से पहले कुछ देर गहरे सांस लेने और छोड़ने का अभ्यास करें | इस दौरान आंखें कोमलता से बंद रखें, और ध्यान रहे कि चेहरे पर तनाव ना हो | 

# सांस लेते और छोड़ते समय आवाज ना करें | ध्यान नाक के अग्रभाग पर रखें तथा बंद आंखों से सांसो का आना-जाना देखें |  

योग करते समय सांस लेने का सही तरीका  

# सांस अंदर करते समय पेट फूलना चाहिए और सांस छोड़ते समय पेट पिचकना चाहिए | ज्यादातर लोग सांस छाती से लेते और छोड़ते हैं,यह तरीका योग में त्रुटिपूर्ण माना जाता है | 

# पेट के फूलने तक जितना समय सांस लेने में लगता है, उससे दुगना समय सांस छोड़ने में लगना चाहिए | सांस लेते समय मन ही मन 10 तक गिने और छोड़ते समय 20 तक | 

यह पांच प्राणायाम अवश्य करें 

1) कपालभाति प्राणायाम:- कपाल का अर्थ होता है – मस्तिष्कऔर भाति यानी चमकना | सुखासन या पद्मासन में बैठने के बाद एक बार सांस अंदर खींचें फिर बराबर बाहर फेंकते रहे | इसे तीन आवृत्तियों में पूरा करें | 

हर बार अपने क्षमता अनुसार 25 से 50 तक स्ट्रोक लगाएं | कपालभाती से सांस और फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं के साथ ह्रदय, मोटापा, मधुमेह, गैस, कब्ज और किडनी रोगों में भी लाभ होता है तथा आत्मविश्वास बढ़ता है | 

2) अनुलोम-विलोम प्राणायाम:- सांस लेने और छोड़ने के इस अभ्यास से 72 करोड़ से अधिक नस नाड़िया शुद्ध होती है | संधिवात, आमवात, गठिया, स्नायु तंत्र की दुर्बलता दमा आदि में राहत मिलती है | 

शिराओं की ब्लॉकेज खुलती है | कोलेस्ट्रोल संबंधी गड़बड़ी दूर होती है | इसे क्षमता के अनुसार 10 से 15 बार करें | 

3) भ्रामरी प्राणायाम: – इस प्राणायाम में ध्यान को आज्ञा चक्र पर केंद्रित करते हुए भंवरे की तरह गुंजन करते हुए स्वास बाहर छोड़ते हैं | इसे कम से कम 5 बार या उससे अधिक 11 बार करें |  

इसके अभ्यास से चंचलता, तनाव, उत्तेजना, अति आवेश और बीपी में लाभ मिलता है | 

4) उज्जाई प्राणायाम:-  शुरुआत में इसे करने में अजीब लगता है | पर अभ्यास से ठीक हो जाता है | इसमें जीभ को मोड़कर तालु से लगाते हैं | गले को सिकुड़ कर कंठ कूप से सटाकर लंबे-लंबे खर्राटों की ध्वनि करते हुए सांस लेते हैं और छोड़ते हैं | 

इसका नियमित अभ्यास करने से सर्दी, जुकाम, एलर्जी,टॉन्सिल और थायराइड में लाभ मिलता है | 

5) शीतली प्राणायाम:- इसके तहत जीभ को उल्टी मोड कर नलिका बनाते हुए मुंह से श्वास को धीरे-धीरे लेते हैं | कुछ देर रुक कर जीव को बाहर निकालकर स्वास को खाली करते हैं | 

इसे 8 से 10 बार करें यह प्राणायाम मुंह एवं गले के रोगों में लाभकारी है |बीपी कंट्रोल करता है, साथ ही रक्तशोधक एवं पित्त रोगों में फायदा होता है | 

योगासन सदैव इस क्रम से करें 

1) सर्वप्रथम खड़े होकर:- श्वास भरते हुए ताड़ासन, त्रिकोणासन, अर्धचंद्राकार आसन, गरुड़ासन, वृक्षासन आदि |

2) इसके उपरांत बैठकर:- नावासन, वज्रासन, गोमुखासन, अर्धमत्स्येंद्रासन, जानुशिरासन,  कमर-चक्रासन, पश्चिमोत्तानासन, कोणासन, उष्ट्रासन, मंडूकासन, शशांकआसन, सिंहासन | 

3) पेट के बल लेट कर:-  भुजंगासन, शिथिलआसन, शलभासन, धनुरासन, नौकासन, आकरण- धनुरासन |

4) पीठ के बल लेट कर :- हस्त पादोत्तानासन, पवनमुक्तासन, सर्वांगासन, हलासन, मत्स्यासन, मकरासन, उत्तानपादासन, चक्रासन, सेतुबंधआसन आदि | 

निष्कर्ष:-

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने Yoga day 2023 / Theme of international yoga day की विस्तृत जानकारी दी है | 

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तो फिर मिलते हैं आपसे अगले आर्टिकल में एक नई जानकारी के साथ, तब तक के लिए आप zeebiz.in पर हमारे साथ जुड़े रहें | धन्यवाद !

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