Dant chikitsak in hindi | जानिए, कैसे करें अपने दांतों की देखभाल

साथियों, हम Dant chikitsak in hindi के संबंध में बात करने वाले हैं | जैसा की भारत सरकार ने उत्तरोत्तर विकास के लिए सतत प्रयास जारी रखा है | 

इसी क्रम में चिकित्सा सुविधा एवं शिक्षा को सुदृढ़ करने हेतु सरकार ने राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग अधिनियम 2023 संसद से पारित किया है |

केंद्र सरकार का यह कदम चिकित्सा सुविधा को बेहतर बनाने की प्रतिबद्धता को सुनिश्चित करता है | दरअसल Dant chikitsak in hindi विधेयक 1948 निरस्त कर यह कानून लाया गया है |

सरकार का मानना है कि जिस प्रकार से हर क्षेत्र में आजादी के बाद परिवर्तन आया है, उसको देखते हुए बदलाव जरूरी था | क्या-क्या बदलाव इस विधेयक को लागू होने के बाद चिकित्सा सेवा एवं शिक्षा में आएगा ? आप लेख में जानेंगे | 

साथ ही Dant chikitsak in hindi और दांत के रखरखाव एवं ब्रश करने के विधि सहित अनेको सवाल के जवाब इस लेख के माध्यम से आप जान सकते हैं | तो आईए जानते हैं:- 

दांत के बेहतर रखरखाव के लिए क्या करना चाहिए ? 

हर व्यक्ति को दिन में दो बार ब्रश करना चाहिए | सोने से पहले रात को ब्रश जरूर करना चाहिए | आप जब भी कुछ खाएं तो उंगली से दांत धोकर कुल्ला करें | 

दो बार ब्रश करने के बाद भी उनके दांत पीले दिखाई पड़ते हैं इसके क्या कारण है ? 

दांत के पीला पड़ने के कई कारण हो सकते हैं | एक तो जल प्रदूषण की वजह से भी होता है | और दूसरा धूम्रपान के कारण भी दांत पीले होते हैं | 

खास क्षेत्र के लोगों में दांत पीले होने की समस्या होती है इसके क्या कारण हैं ? 

यह जल प्रदूषण के कारण होता है |  जब किसी खासक्षेत्र में जल प्रदूषण की समस्या रहती है तो वहां ऐसी समस्या आती है | 

दरअसल जिस क्षेत्र में पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक होती है वहां के लोगों में या समस्या देखी गई है | 

एक टूथब्रश को कितने समय तक व्यवहार में लाना चाहिए ?  

एक टूथब्रश को अधिकतम दो माह तक व्यवहार में लाना चाहिए | इसके बाद उसके ब्रिसिल खराब नहीं हुआ है तब भी उसे व्यवहार में नहीं लाना चाहिए | 

टूथब्रश कैसा और किस कंपनी का व्यवहार में लाना चाहिए ? 

कोई भी ब्रांडेड कंपनी का टूथब्रश इस्तेमाल करना चाहिए | हां, लेकिन ध्यान रहे कि टूथब्रश ज्यादा हार्ड ना हो | उसके ब्रिसिल मुलायम हो | 

दातों की जांच कब करना चाहिए ?  

अपने दांतों की जांच प्रत्येक 6 महीने पर करवाना चाहिए | समय-समय पर दांतों की सफाई भी करवानी चाहिए | इससे आपके दांत सुरक्षित और मजबूत रहेंगे | 

दांतों में कीड़े लगने पर क्या करना चाहिए ?

दांतों की देखभाल नियमित जरूरी है | एक निश्चित समय अंतराल पर दांतों की सफाई करनी चाहिए | अगर दांत ज्यादा खराब है तो उसे निकलवा लेना चाहिए | गड्ढे होने पर उसकी फीलिंग करना चाहिए | 

हाल में केंद्र सरकार राष्ट्रीय Dant chikitsak in hindi आयोग अधिनियम 23 पारित हुआ | उसे अधिनियम के आने से दंत चिकित्सा के क्षेत्र में क्या बदलाव आएगा ? 

इस अधिनियम को नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखकर बनाया गया है | इसके तहत दंत चिकित्सा शिक्षा में कई बदलाव किए गए हैं | इसमें कम समय अवधि के कई पाठ्यक्रम शामिल किए गए हैं |  

जिन चीजों के बारे में छात्र एमडीएस करने के बादजान पाते थे | वह अब बीडीएस करते हुए आखिरी वर्ष में 6 महीने वाले कई कोर्स करके जान सकते हैं | इसमें बहुत सारे जो सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया गया है,वह छात्रों के लिए बहुत अच्छा है | 

साथ ही इसके तहत राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग बनाने की बात की गई है | राज्यों के लिए राज्य दंत चिकित्सा परिषदों अथवा संयुक्त दंत चिकित्सा परिषदों के गठन की भी बात की गई है | 

इस अधिनियम के तहत तीन स्वायत्त बोर्ड बनाने की बात की गई है | इससे 

Dant chikitsak in hindi शिक्षा में क्या बदलाव आएगा ? 

स्वास्थ्य बोर्ड बनाने से बहुत सारे सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे | पहले दंत चिकित्सा शिक्षा का कार्य डेंटल काउंसिलऑफ इंडिया करती थी | अब यह स्वायत्त बोर्ड करेगी | 

दूसरी बात अब बोर्ड में प्रशासनिक अधिकारियों को शामिल किया गया है | एमसीआई के तर्ज पर एनसीडी (नेशनल डेंटल कमिशन) के गठन करने की बात की गई है |यह कमीशन चिकित्सा के विभिन्न आयामों को दिशा निर्देश देगी | 

उक्त विधायक दंत चिकित्सा विधायक 1948 को निरस्त कर लाया गया है | दंत चिकित्सा के क्षेत्र में इससे क्या मूलभूत परिवर्तन देखने को मिलेगा ? 

समय के अनुकूल इस विधेयक में बदलाव जरूरी था  | इसलिए इस विधेयक को निरस्त कर नया कानून लाया गया है | यह नई शिक्षा नीति 2020 को देखते हुए बहुत जरूरी हो गया था | नए कानून में प्रैक्टिकल चीजों को बढ़ावा दिया गया है | 

पहले का कोर्ससैद्धांतिक अर्थात थ्योरी आधारित था | उसमें प्रैक्टिकल कम कराया जाता था | अब इसे और अधिक प्रैक्टिकलयुक्त बनाया गया है | ट्रेनिंग पर ज्यादा जोर दिया गया है | मैनेजमेंट के चीजों को शामिल किया गया है | इसमें क्लीनिकल ट्रेनिंग ज्यादा होगी | 

प्रेक्टिस मैनेजमेंट पर भी अधिक ध्यान दिया गया है | डिजिटल तकनीक का भी ख्याल रखा गया है | आधुनिक तकनीक को ध्यान में रखकर पाठ्यक्रम डिजाइन किया गया है | 

एक दंत चिकित्सक को प्रैक्टिस में जिन चीजों की जरूरत होती है, उसको ध्यान में रखकर एवं मैनेजमेंट के चीजों का ध्यान रखते हुए डिजाइन किया गया है | 

नामांकन और प्रैक्टिस के लिए लाइसेंस को लेकर क्या नहीं व्यवस्था की गई है ? 

नामांकन के लिए नीट तो है ही और एक नई व्यवस्थाकी गई है वह नेक्स्ट (नेशनल एग्जिट टेस्ट) जिसमें आखिरी वर्ष में इस एग्जाम को पास करना जरूरी होगा |

उसके बाद ही प्रैक्टिस के योग्य छात्र हो पाएंगे | पहले यह सभी कॉलेज या यूनिवर्सिटी अपना अलग-अलग परीक्षाएं आयोजित करती थी | लेकिन अब यह कंबाइंड हो गया है | 

साथ ही जो बाहर से भी पढ़कर आएंगे उन्हें भी यह परीक्षा पास करके प्रैक्टिस में जाना होगा | सभी के लिए एक जैसी व्यवस्था कर दी गई है | 

निष्कर्ष:

साथियों,इस लेख के माध्यम से हमने Dant chikitsak in hindi के चिकित्सा सुविधा एवं शिक्षा तथा अपने दांतों की देखभाल के संबंध में हमने पूरी जानकारी दी है | यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो सोशल मीडिया तथा अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं | 

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