Nepal ki Rajdhani | नेपाल की राजधानी

दोस्तों, आज हम नेपाल की राजधानी से संबंधित कुछ खास जानकारी आपके साथ साझा करने वाले हैं | क्या आप जानते हैं Nepal Ki Rajdhani कहां है ? अगर नहीं पता है तो आप इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें | 

इस आर्टिकल के माध्यम से आज आपको Nepal Ki Rajdhani सहित और भी बहुत कुछ जानकारी मिलने वाली है |आजकल देखने में आता है कि लोग गूगल के माध्यम से बहुत कुछ सर्च करते हैं |

क्योंकि उन्हें अपने जनरल नॉलेज के लिए बहुत कुछ जानकारी हासिल करना होता है | ऐसे में यह लेख आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है | क्योंकि Nepal Ki Rajdhani के साथ-साथ यहां से आपको कुछ महत्वपूर्ण जानकारी मिलने वाली है जैसे:- 

1) नेपाल की राजधानी कहां है ?

2) नेपाल में घूमने योग्य स्थल कितने हैं ?  

3) नेपाल की आधिकारिक मुद्रा क्या है ?

4) नेपाल के प्रधानमंत्री कौन हैं ?

इन सभी प्रश्न के उत्तर नीचे के आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे | इसके साथ ही कुछ बेसिक सवाल जैसे नेपाल की जनसंख्या, यहां का क्षेत्रफल, शिक्षा दर, प्रति व्यक्ति आय के बारे मे चर्चा करेंगे |

यह सब जानने के लिए कृपया आप लेखक को अंत तक अवश्य पढ़ें | तो आइए ज्यादा वक्त खराब नहीं करते हुए जानते हैं:- 

नेपाल की राजधानी कहां है ? 

दोस्तों,Nepal Ki Rajdhani (नेपाल की राजधानी) काठमांडू है | जो चारों तरफ से पहाड़ों से घिरा हुआ है | काठमांडू शहर हिमालय की गोद मे बसा हुआ खूबसूरत देश जिसे कान्तिपुर के नाम से भी जाना जाता है | यह शहर पूरे नेपाल मे पर्यटकों को सबसे अधिक अपनी और आकर्षित करता है | 

पृथ्वी नारायण शाह जो एक गोरखा राजा थे उन्होंने सन् 1768 में मल्ल गणराज्य को खत्म करके गोर्खाली नेपाल राज्य की स्थापना की थी | सन् 1768 से 2008 तक काठमांडू शहर गोरखा समाज के शाह परिवार के शासन का केंद्र था | सन् 2008 मे लोकतंत्र के स्थापना के बाद सालों से चली आ रही राजशाही का अंत हो गया |

काठमांडू मे एक नहीं बल्कि कई धरोहर स्थल मौजूद है | Nepal Ki Rajdhani काठमांडू शहर को मंदिरों का शहर भी कहा जाता है | ऐसा माना जाता है की इस शहर की स्थापना गुणकामदेव द्वारा सन् 723 ई० मे की गई थी | यह शहर लगभग 665 वर्ग KM मे फैला हुआ है | इस शहर की समुन्द्र तल से ऊंचाई 1,324 मिटर है | 

आपको बता दूं कि, नेपाल कभी भी किसी का गुलाम नहीं रहा है | यह एक स्वतंत्र राज्य के रूप में रह रहा है | इसलिए नेपाल में कोई स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाया जाता है | 

लेकिन हां, 20 सितंबर को नेपाल में संविधान लागू होने के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है | क्योंकि इसी दिन सन 2015 में नेपाल धर्मनिरपेक्ष राज्य घोषित किया गया था |

नेपाल एक खूबसूरत दक्षिण एशियाई स्थलरुद्ध राष्ट्र है | इसके उत्तर में चीन और तिब्बत है और दक्षिण, पूर्व और पश्चिम में भारत अवस्थित है | नेपाल के 81.3 प्रतिशत नागरिक हिंदू हैं | नेपाल विश्व के प्रतिशत आधार पर सबसे बड़ा हिंदूधर्म राष्ट्र है |

नेपाल का राष्ट्रीय ध्वज  

नेपाल का राष्ट्रीय ध्वज पूरे विश्व का एकमात्र ऐसा ध्वज है जो त्रिकोणीय आकार को ऊपर नीचे रखकर बनाया गया है |  

नेपाल के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर वाले त्रिकोण में एक अर्ध चांद और नीचे वाली त्रिकोण में सूर्य अंकित है | 

जिसका मतलब बताया जाता है कि जब तक सूरज चांद रहेगा तब तक पृथ्वी पर नेपाल का अस्तित्व रहेगा | 

इस ध्वज के किनारे नीले रंग के किनारे लगे हैं जो शांति का प्रतीक है | राष्ट्रीय ध्वज के बीच का भाग गहरे लाल रंग का है जो नेपाल का राष्ट्रीय रंग है | 

इस ध्वज को 16 दिसंबर 1962 को अपनाया गया जब नेपाल देश का संविधान लिखा गया था | 

ध्वज के आज का स्वरूप इसके प्राथमिक स्वरूप से लिया गया है जिसका प्रयोग 2000 साल पहले से हो रहा है |

काठमांडू के प्रमुख दर्शनीय स्थल 

पशुपतिनाथ मंदिर

दोस्तों, यहाँ पर अनेकों मंदिर और दर्शनीय स्थल है जो की काफी प्रसिद्ध है | जैसा की हमने उपरोक्त आर्टिकल में बताया की काठमांडू को मंदिरों का शहर भी कहा जाता है | आइए कुछ प्रमुख मंदिरों के बारे मे जानते है | नेपाल का सबसे प्रमुख मंदिर है,पशुपतिनाथ मंदिर जो भगवान शिव को समर्पित है। 

पशुपतिनाथ मंदिर काठमांडू से 3 km उत्तर पश्चिम मे बागमती नदी के किनारे स्थित है | इस मंदिर का निर्माण 5 वी शताब्दी मे कराया गया था | हिंदुओं का यह प्रमुख मंदिर पगोडा शैली मे बना हुआ है | वाराणसी की तरह यहाँ भी बागमती नदी के किनारे हिंदुओं का दाह संस्कार किया जाता है | 

गुहेश्वरी मदिर       

मंदिर के प्रांगण में ही मे सैकड़ों छोटे बड़े शिव लिंग मौजूद हैं | यहाँ से कुछ ही दूरी पर बागमती नदी के किनारे गुहेश्वरी मदिर है | यह मंदिर माता सती को समर्पित है, जिन्होंने अपने पिता राजा दक्ष प्रजापति के हवन कुंड मे समा कर अपने प्राण त्यागे थे |  

स्वयंभूनाथ स्तूप

Nepal Ki Rajdhani काठमांडू शहर से 3km पश्चिम में एक ऊंची पहाड़ी पर स्वयंभूनाथ स्तूप है | स्वयंभू का मतलब ही होता है, जो स्वयं से बना हो | यह नेपाल के सबसे पवित्र बौद्ध स्तूपों में से एक है | ऐसा माना जाता है की, २,००० साल पहले यह स्तूप अपने आप ही बन गया था, जब एक पुराने झील से इस घाटी का निर्माण हुआ था |   

नेपाल की खास जगह जनकपुर   

नेपाल का एक खास शहर है जनकपुर,आपको बता दें कि जनकपुर शहर भारत के बिहार की सीमा से सटा हुआ है जो सीता जी का जन्मस्थान और भगवान राम का विवाह का स्थान माना जाता है | जो देखी जाने वाली खास जगहों में से एक है | यहां आने वाले पर्यटकों के लिए जनकपुर एक बहुत ही खास जगह है |  

सीता जी का जन्म स्थल जनकपुर अपने सुखद मौसम, भव्य उत्सव, मंदिरों की आकर्षक वास्तुकला से सभी को बहुत उत्साहित करता है | इस शहर में अनेकों तालाब है जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं | जनकपुर नेपाल के तराई क्षेत्र में बसा हुआ है जो पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए एक पसंदिदा जगह है | 

नेपाल का प्रमुख पर्यटन स्थल पोखरा   

नेपाल के सबसे प्रमुख और लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है पोखरा | जो हिमालय पर्वत की तराई क्षेत्र में फैला हुआ नेपाल का एक सुंदर शहर है, इसे नेपाल का पर्यटक राजधानी भी कहा जाता है | इस पर्यटन स्थल देखने और सैर करने के लिए देश विदेश से सभी प्रकार के लोग भारी संख्या में आते हैं | 

पोखरा शहर गंडकी नदी और उसकी कई सहायक नदियों द्वारा बंटा हुआ है जो यहां के अनूठे भूगोल में योगदान देता है | यहां आने वाले पर्यटकों को हिमालय का यह प्रवेश द्वारअपने खूबसूरत नजारों और शुद्ध वातावरण से रूबरू कराता है | अन्नपूर्णा रेंज जो सबसे ऊँची पर्वत श्रृंखला है जिसमें चार ऊंची चोटियाँ हैं इसके ऊपर पोखरा बसा हुआ है |   

नेपाल में घूमने वाली जगह नगरकोट  

दोस्तों अगर आप घूमने के लिए नेपाल जा रहे हैं तो आपको बता दूं कि काठमांडू से मात्र 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है नगरकोट | यहां आने वाले पर्यटकों को हिमालय पर्वत अपने खूबसूरत दृश्यों को दिखाकर आश्चर्यचकित कर देता है | नगरकोट प्रकृति के प्रेमियों के लिए स्वर्ग के सामान है जो 2000 मीटर की उंचाई पर स्थित है | 

सबसे खास बात है कि यह जगह यह राजधानी के बहुत करीब है,जिसकी वजह से पर्यटकों को यहां आने के लिए ज्यादा पैसे और समय खर्च नहीं करना पड़ता है | कुल मिलाकर नगरकोट, नेपाल की सबसे ज्यादा घूमने वाली जगहों में से एक है |    

नगरकोट से आप हिमालय के 13 में से 8 हिमालय पर्वतमाला को आसानी से देख सकते हैं | यहां से आप अन्नपूर्णा, मनास्लु, नुम्बुर, गणेश हिमाल, जुगल, एवरेस्ट, लैंगटांग और रोलावलिंग पर्वतमाला स्पष्ट रूप से देख सकते हैं | इसलिए आप जब भी नेपाल घूमने के लिए जाएं तो  नगरकोट अवश्य जाएं |   

लुम्बिनी पर्यटन    

गौतम बुद्ध का जन्म स्थल लुंबिनी हिमालय पर्वत की गोद में बसी खूबसूरत जगह है | लुंबिनी भारत की सीमा से सटा हुआ रूपन्देही जिले में स्थित है जो बौद्ध धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल है | लुम्बिनी एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है जिसके स्तूप और मठ इसे बेहद खास बनाते हैं | 

सम्राट अशोक के स्मारक स्तंभ के लिए भी यह जगह विख्यात है | नेपाल की यात्रा करने वाले लोग लुम्बिनी शास्त्रों का अध्ययन, धर्म के बारे में जानने और अपने दिल दिमाग को ताजा करने के लिए भी आते हैं | यहां पर गौतम बुद्ध की मां माया देवी के नाम से मंदिर है जिसको मायादेवी मंदिर कहा जाता है, इस मंदिर में माया देवी की मूर्ति भी है | 

नेपाल के मुख्य दर्शनीय स्थल भक्तपुर      

नेपाल की राजधानी काठमांडू घाटी में बसा हुआ भक्तपुर घूमने की खास जगहों में से एक है | काठमांडू की तुलना में यह शहर कम भीड़-भाड़ वाली जगह है | इस स्थान को भक्तों का शहर भी कहते हैं जो 2015 के भूकंपों के दौरान हुए नुकसान का एक हिस्सा है | 

भक्तपुर में अधिकतर मंदिर और तीर्थस्थल है जो यहाँ के मुख्य आकर्षण हैं | यहां की घुमावदार सड़कों पर आप पैदल चलने का मजा भी ले सकते हैं |  इस शहर में 15 वीं शताब्दी की संरचना दरबार स्क्वायर या 55-विंडो पैले यहां का आकर्षण है | 

नेपाल घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा है     

दोस्तों,अगर आप नेपाल घूमने का प्लान बना रहे हैं और यह जानना चाहते हैं कि नेपाल घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा है | तो आपको बता दें कि यहां घूमने का सबसे अच्छा समय सर्दियों का मौसम होता है | भले ही इस मौसम में नेपाल में कम तापमान और बर्फबारी क्यों ना हो |  

लेकिन इसके बावजूद भी यह नेपाल घूमने का यह एक बहुत ही अच्छा मौसम है | नेपाल में दिसंबर से मार्च तक सर्दियों का मौसम रहता है और जुलाई से नवंबर तक यहां बारिश होती है | बारिश के मौसम में आप नेपाल की अधिकतर  जगहों की सुंदरता का आनंद नहीं ले पाएंगे | 

नेपाल में अप्रैल से लेकर जून तक गर्मियों का मौसम होता है जो घूमने के लिए अनुकूल  समय नहीं है | इसलिए आप जब भी नेपाल घूमने आएं सर्दियों के मौसम में ही आएं | और अपने साथ गर्म कपड़े अवश्य लाएं | फिर आप ज्यादा से ज्यादा स्थानों पर घूम कर सुंदरता का आनंद ले पाएंगे |     

नेपाल में ठहरने की जगह कौन सा है    

जी हां दोस्तों,घूमने के साथ-साथ आपको ठहरने के लिए जगह की भी खास जरूरत होती है | अगर आप नेपाल  घूमने के लिए आए हैं और रुकने की जगह देख रहे हैं तो आपको बता दें कि नेपाल के कई शहरों और कस्बों में ठहरने के लिए होटल आसानी से मिल जाती है |  

लेकिन फिर भी नेपाल में रूकने का सबसे खास आनंद आपको बौद्ध मठों में ठहरकर ही मिलेगा | हो सकता है कि इसके सामने आपको 3 स्टार से कम रेटिंग वाले होटल रुकने के लिए अच्छा न लगें | कोशिश यही करें कि कहीं बौद्ध मठों में  ही ठहरे और यहां का आनंद लें |   

बस के द्वारा नेपाल कैसे जाएं  

बस द्वारा नेपाल की यात्रा करने के लिए आप दिल्ली, लखनऊ,दार्जिलिंग, और पटना से सीधी बस पकड़ सकते हैं | एकमात्र भारत ही एक ऐसा देश है जहां से  नेपाल जाने के लिए Any time बसें उपलब्ध हैं | अगर आप दिल्ली से नेपाल जाना चाहते हैं तो आपको बता दूं कि दिल्ली से काठमांडू तक बस द्वारा यात्रा में 30 घंटे का समय लगता है |

ट्रेन के द्वारा नेपाल कैसे जाएं    

ट्रेन के द्वारा अगर आप  नेपाल जाने की योजना बना रहे हैं तो आपको बता दें कि सिरसिया नेपाल की एक ऐसी जगह है जो ट्रेन के माध्यम से भारत से जुड़ा हुआ है | सिरसिया और रक्सौल (जो भारत में है) के बीच नियमित कार्गो और यात्रियों के लिए ट्रेनें चलती हैं | हालांकि, इनमे सिर्फ भारतीयों और नेपालियों को यात्रा करने की अनुमति है | 

हवाई जहाज से नेपाल कैसे जाएं    

अगर आप हवाई जहाज से नेपाल की यात्रा करना चाहते हैं तो आपको जा बता दूं कि,नेपाल की राजधानी काठमांडू में स्थित एअरपोर्ट का नाम त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो शहर से सिर्फ 6 किलोमीटर दूर है | इसके लिए आप भारत के किसी भी इंटरनेशनल एअरपोर्ट से सीधे काठमांडू के लिए हवाई यात्रा कर सकते हैं | लेकिन हवाई यात्रा करते समय इस बात का ध्यान रखें कि मौसम बदलने की वजह से नेपाल में हवाई यात्रा अनिश्चित होती है |

नेपाल की आधिकारिक मुद्रा क्या है ?   

दोस्तों, ध्यान देने वाली बात है कि पुराने समय मे नेपाल मे भी भारत की तरह ही सोने और चांदी के सिक्के हुआ करते थे | जिन्हे मोहर कहा जाता था, और सिक्कों पर गुरु गोरखनाथ का नाम और उनके पादुका का चिन्ह हुआ करता था |

अभी वर्तमान में नेपाल की आधिकारिक मुद्रा का नाम नेपाली रुपया है | जिसका आधिकारिक कोड ISO 4217 NPR है | नेपाली मुद्रा पर देवनागरी लिपि मे लिखाई होती है | इसकी भारतीय रुपये से वर्तमान (जुलाई 2022) मे एक्सचेंज मूल्य 1 भारतीय रुपया = 1.63 नेपाली रुपया है | नेपाल राष्ट्र बैंक द्वारा रुपए की छपाई होती है | 

नेपाल के प्रधानमंत्री कौन है ?

वर्तमान समय में नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा हैं | शेर बहादुर देउबा से पहले नेपाल के प्रधानमंत्री KP Sharma Oli थे | सबसे अधिक समय के लिए नेपाल के प्रधानमंत्री लोकेंद्र बहादुर चंद्र थे | जो राजशाही के समय   में नेपाल के प्रधानमंत्री थे।

नेपाल मे लोकतंत्र की स्थापना सन् 2008 में हुआ था | हम 2008 से 2021 के बीच के प्रधानमंत्री की सूची नीचे दे रहे हैं | नेपाल मे लोकतंत्र के स्थापना के बाद से प्रधानमंत्री की सूची निम्न है:-     

क्रम सं       वर्ष                       नेपाल के प्रधान मंत्री

1 July 2021- Till Now  Sher Bahadur Deuba

2 2018–2021                KP Sharma Oli

3 2015–2016           KP Sharma Oli

4 2013–2014           Khil Raj Regmi

5 2011–2013           Baburam Bhattarai

6 2011                     Jhala Nath Khanal

2 2009–2011         Madhav Kumar Nepal

2 2008–2009         Pushpa Kamal Dahal Prachand       

नेपाल का कुल क्षेत्रफल 1,47,516 वर्ग KM है | वेबसाईट के हिसाब से यहाँ की वर्तमान (जुलाई 2021) के अनुसार जनसंख्या 2,97,21,949 है |

यहाँ की जनसंख्या मे 81% से ज्यादा हिन्दू धर्म को मानने वाले हैं | वर्तमान मे नेपाल मे शिक्षा दर लगभग 67.9% है | नेपाल मे प्रति व्यक्ति आय सन् 2020 के हिसाब से 85,000 भारतीय रुपया था |

नेपाल का राष्ट्रीय पशु क्या है ?  

गाय हमारी माता है ऐसा मानना हमारे भारत देश में भी है | नए धर्मनिरपेक्ष संविधान में गाय को नेपाल का राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया है | गाय को हिंदू धर्म में पवित्र पशु का दर्जा प्राप्त है | नए संविधान में हिंदुओं की पूजनीय गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया है | नेपाली कांग्रेस के महासचिव कृष्णा प्रसाद सितौला ने बताया कि हिंदुओं की भावनाओं का ध्यान रखते हुए गाय को संवैधानिक संरक्षण दिया गया है और उसके वध पर प्रतिबंध लगा दिया गया है | उन्होंने बताया कि पहली संविधान सभा द्वारा हटाए गए इस प्रावधान को दुबारा नए संविधान में जोड़ा गया | संविधान सभा के कुछ सदस्यों ने एक सींग वाले गैंडा को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का सुझाव दिया था |

नेपाल के लोग क्या क्या खाते हैं ?

नेपाल के रहने वाले यानी नेपाली समुदाय के लोग अधिकतर दाल, चावल, सब्जी और चटनी अपने दैनिक आहार में  लेते हैं | मैदानी इलाकों में रहने वाले लोग रोटी और चावल दोनों का भोजन करते हैं | यहां के लोग मटन, चिकन तथा मछली खाना भी ज्यादा पसंद करते हैं |

नेपाल का मुख्य त्यौहार कौन सा है ?

भारत के पड़ोसी देश नेपाल का प्रमुख एवं राष्ट्रीय पर्व दशहरा  है | नेपाल मे इस त्यौहार को नेपाली भाषा मे दशई कहा जाता है | इस त्योहार के प्रमुखता को लेकर नेपाल सरकार के द्वारा नेपाल मे 7 तीनों की सरकारी छूट्टी दी जाती है | इस दौरान देश विदेश में रहने वाले नेपाली समुदाय के लोग अपने अपने गांव इस त्यौहार को धूमधाम से मनाने के लिए अवश्य आते हैं |

काठमांडू नेपाल की राजधानी क्यों है ?

पृथ्वी नारायण शाह ने गोरखा के ऊपर काठमांडू को चुना, जहां से वह उपजाऊ भूमि और पूर्व में उपलब्ध अन्य तुलनात्मक रूप से बेहतर सुविधाओं के कारण थे | इसलिए काठमांडू को देश की राजधानी के रूप में अपना दर्जा बनाए हुए 250 साल हो गए हैं |

साथियों, मुझे उम्मीद ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि आपको Nepal Ki Rajdhani और नेपाल से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारी मिल गई होगी | अगर यह जानकारी आपको पसंद आई हो तो अपने दोस्तों के साथ भी share करें ताकि, उनको भी यह जानकारी मिल पाए |

FAQ :

Q: नेपाल की पहली राजधानी क्या है ?

Ans: नेपाल की राजधानी Kathmandu है |

Q: नेपाल से यूपी के कितने जिले लगते हैं ?

Ans: पीलीभीत, श्रावस्ती, महाराजगंज, लखीमपुर, बहराइच, सिद्धार्थनगर और बलरामपुर  यह यूपी के 7 जिले नेपाल के साथ लगते हैं |

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