Embryo freezing in hindi | 30 के बाद नहीं बन सकेंगी मां, अब इस डर को निकाल दें

अक्सर हां 30 साल की ओर बढ़ती महिलाओं को यह फिक्र हो जाती है कि वह ज्यादा उम्र हो जाने के बाद गर्भधारण नहीं कर पाएंगे | तो यह लेख उन्हीं महिलाओं के लिए है,अधिक जानकारी के लिए पढ़िए यह लेख Embryo freezing in hindi और रहिए बेफिक्र |

प्रिय पाठको, आज हम इस लेख के माध्यम से इसी टॉपिक पर यानी Embryo freezing in hindi की पूरी जानकारी दे रहे हैं जैसे-एंब्रियो फ्रीजिंग क्या है ? और क्या है इसकी प्रक्रिया ? 

इन सब बातों जानकारी आपके समक्ष साझा करने वाले हैं तो आइए विस्तार से जानते हैं

दोस्तों, लड़कियों के उम्र 30 वर्ष होते होते उन पर जल्दी शादी करने का दबाव बढ़ जाता है | क्योंकि अधिकांश लोग कहते हैं कि उम्र बढ़ने के साथ गर्भधारण करने की क्षमता भी कम होती चली जाती है |

लेकिन बहुत-सी महिलाओं को अनेक कारणों से गर्भधारण करने के समय को 30 वर्ष की उम्र तक टालना पड़ता है |

वहीं आज महिलाओं की स्थिति में परिवर्तन आया है और वह उच्च शिक्षा प्राप्त कर कैरियर के बेहतर विकल्पों की ओर बढ़ रही हैं | 

ऐसे में कई दंपति उस समय संतान प्राप्त करने की योजना बनाने लगे हैं, जब वह मानसिक और वित्तीय रूप से पूरी तरह से तैयार हों |

ऐसे कपल्स के बीच खास पॉपुलर हो रही है Embryo freezing (एंब्रियो ब्रिजिंग) 

What is embryo freezing (एंब्रियो फ्रीजिंग क्या है) ?

आज के युग में फर्टिलिटी के इलाज में तकनीक लगाकर विकसित हो रही है | जिन लड़कियों को किसी वजह से देरी से शादी करनी पड़ती है और बाद में उनको गर्भधारण करने में समस्या आती है | 

तो उसके लिए भी दुनिया भर में कई ऐसी तकनीक विकसित हो चुकी हैं, जो उनके गर्भ धारण करने के सपनों को पूरा कर सकती हैं | ऐसी ही एक तकनीक Embryo freezing in hindi (एंब्रियो फ्रीजिंग) भी चलन में है | 

एंब्रियो फ्रीजिंग को एंब्रियो क्रायोप्रिजर्वेशन भी कहते हैं | इस विधि में एंब्रियो या भ्रूण को फ्रीज कर दिया जाता है और समय आने पर उसे निकालकर गर्भ में स्थापित कर दिया जाता है | इस विधि का उपयोग इनवॉइट्रो फर्टिलाइजेशन में किया जाता है | 

यदि कोई महिला इस समय गर्भ धारण करना नहीं चाहती है, तो वह आईवीएफ करा कर अपने एंब्रियो को फ्रीज करा सकती है और बाद में समय आने पर उसे फिर से अपने गर्भ में स्थापित करा सकती है | 

यह प्रक्रिया उन महिलाओं के लिए उपयोगी है, जो अभी गर्भधारण करने के लिए तैयार नहीं है | इसके द्वारा वह अपनी फर्टिलिटी को भविष्य के लिए सुरक्षित करा सकती है |  Embryo freezing उन महिलाओं के लिए भी बहुत उपयोगी है | 

जिनका किसी गंभीर बीमारी के लिए इलाज शुरू होने वाला है | जैसे किसी कैंसर पीड़ित महिलाएं जब कीमो थेरेपी आदि के इलाज से गुजरती है, तो उनकी फर्टिलिटी पर बुरा असर पड़ सकता है | 

यह महिलाएं अपना इलाज शुरू कराने से पहले एंब्रियो को फ्रीज करा कर अपनी फर्टिलिटी को सुरक्षित कर सकती हैं और भविष्य में स्वस्थ होने के बाद गर्भधारण कर सकती है |   

What is its process (क्या है इसकी प्रक्रिया) ?

आप सोच रहे होंगे किकैसे इस प्रक्रिया को पूरा किया जाता है, तो हम आपको इसकी भी जानकारी देते हैं | इलाज शुरू करने से पहले महिलाओं में अनेक संक्रमण, जैसे एचआईवी और हेपेटाइटिस आदि का परीक्षण किया जाता है | 

डॉक्टर डिंब ग्रंथियों में अंडों की संख्या और गुणवत्ता के आकलन के लिए ओवेरियन रिजर्व टेस्ट भी करवा सकते हैं |

ओवेरियन स्टिमुलेशन सबसे पहले महिला को हार्मोन देकर ओवेरियन स्टिमुलेशन किया जाता है, ताकि उसके अंडाशय में कई फॉलिकल्स का विकास हो |

इससे अंडों की संख्या बढ़ाने में मदद मिलती है, जिन्हें आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान निकाला जाता है | 

How to get eggs (अंडे कैसे प्राप्त किए जाते हैं) 

इसके लिए महिला को बेहोश करके एक पतली सी द्वारा उसके अंडाशय से परिपक्व अंडों को निकाला जाता है | यह प्रक्रिया आमतौर से अल्ट्रासाउंड के मार्गदर्शन में होती है | 

Fertilization (फर्टिलाइजेशन) 

प्राप्त किए गए अंडों को लैबोरेट्री डिश में स्पर्म द्वारा फर्टिलाइज करके एंब्रियो विकसित किया जाता है | इस प्रक्रिया को इन्वाइट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) कहते हैं | 

Embryo freezing (एंब्रियो की फ्रीजिंग) Embryo freezing in hindi 

फर्टिलाइजेशन कराने के बाद एंब्रियो की वृद्धि और विकास पर नजर रखी जाती है | एंब्रियो लॉजिस्ट एंब्रियो का आकलन करके देखता रहता है कि कौन से एंब्रियो सबसे ज्यादा सेहतमंद और फ्रीजिंग के लिए उपयुक्त है | 

इसके बाद इस चुने गए एंब्रियो को एक विशेष सलूशन में रखकर फ्रीज कर दिया जाता है | उन्हें फ्रीज करने की यह तकनीक वाईट्रिफिकेशन कहलाती है | 

इस प्रक्रिया में एंब्रियो का परीक्षण बहुत तेज गति से किया जाता है ताकि आइस क्रिस्टल बनकर कोशिकाएं क्षतिग्रस्त ना हो | 

Storage (स्टोरेज) 

फ्रीज किए गए एंब्रियो को माइनस 196 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर लिक्विड नाइट्रोजन में स्टोर करके रखा जाता है | आपको बता दूं कि एंब्रियो को कई सालों या दशकों तक भी स्टोर करके रखा जा सकता है | 

Embryo removal and implantation (एंब्रियो को बाहर निकालना और गर्भ में स्थापित करना) 

जब महिला गर्भधारण करने के लिए खुद को तैयार महसूस करें, तब एंब्रियो को बाहर निकालकर उसके गर्भ में स्थापित कर दिया जाता है | इस प्रक्रिया को एंब्रियो ट्रांसफर कहते हैं | 

एंब्रियो गर्भ में बहुत सावधानी से कैथरर द्वारा डाला जाता है, और बचे हुए एंब्रियो को भविष्य के लिए फिर से फ्रीज कर दिया जाता है | 

आईवीएफ एक्सपर्ट डॉक्टर के अनुसार अगर फैलोपियन की ट्यूब पूरी तरह से ब्लॉक है,  तो आईवीएफ ही एक ऐसा विकल्प है, जिसकी मदद से गर्भ धारण किया जा सकता है | 

इसके अलावा मेल पार्टनर में शुक्राणुओं की कमी, महिला में पीसीओडी की वजह से ओव्यूलेयशन में समस्या, एंडोमेट्रियोसिस या अन्य फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के फेल हो जाने पर   आईवीएफ ही सही तरीका है | 

तो साथियों इस लेख के अंत में मैं बताना चाहता हूं कि इनफर्टिलिटी के इलाज में काफी प्रगति हुई है | 

इंट्रायूटेराईन इनसेमिनेशन और इन्वाइट्रो फर्टिलाइजेशन जैसी तकनीकें दंपतियों को गर्भधारण करने के बेहतर विकल्प बन रहे हैं | 

इन्हीं में से एक एंब्रियो फ्रीजिंग तकनीक की मांग देश में बढ़ती दिखाई दे रही है | यह आर्टिकल एकमात्र सिर्फ जानकारी है | विशेष जानकारी के लिए आईवीएफ एक्सपर्ट डॉक्टर से संपर्क करें | 

Conclusion (निष्कर्ष)  

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने Embryo freezing in hindi और एंब्रियो फ्रीजिंग क्या है और क्या है इसकी प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी है | आपको यह जानकारी अच्छी लगी, तो यह आप अपने दोस्तों और सोशल मीडिया पर Share कर सकते हैं | 

तो फिर मिलते हैं आपसे अगले आर्टिकल में एक नई जानकारी के साथ, तब तक के लिए आप zeebiz.in पर हमारे साथ जुड़े रहें | धन्यवाद !   

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