Different source of capital for business | जानिए व्यापार के लिए पूंजी के विभिन्न स्रोत क्या है ?

दोस्तों, आज के समय में व्यापार करना बहुत सारे लोगों का सपना होता है, परंतु पूंजी की कमी के कारण कई लोग अपने सपने को पूरा नहीं कर पाते हैं | वर्तमान परिपेक्ष में व्यापार के लिए पूंजी जुटाने के विभिन्न स्रोत उपलब्ध हैं | क्या आप Different sources of capital for business से संबंधित जानकारी हासिल करना चाहते हैं ? 

तो इस लेख को अंत तक आप अवश्य पढ़ें | क्योंकि इस लेख के द्वारा मैंने पूंजी के विभिन्न स्रोतों पर प्रकाश डालने की चेष्टा की है | पूंजी के विभिन्न स्रोतों की अपनी अलग अलग विशेषता है | पूंजी का कोई भी एक स्रोत सभी व्यापार के लिए उपयुक्त नहीं है | अलग-अलग व्यापार के लिए अलग-अलग स्रोत उपयुक्त हो सकते हैं | 

Different sources of capital for business के लिए आपको कौन से स्रोत का चयन करना है यह निर्णय आपके व्यवसाय, उसमें लगने वाले पूंजी की आवश्यकता, पूंजी उपलब्धता की समय सीमा आदि चीजों पर निर्भर करती है | 

Personal self capital (व्यक्तिगत स्व पूंजी)   

किसी भी व्यापार को शुरू करने के लिए सबसे पहले आपका अपना कुछ बचत व्यापार में पूंजी के रूप में लगा होना चाहिए | अगर आपकी मेहनत की कमाई  उस व्यापार में लगेगी तो वह डूबे नहीं इसके लिए आप ज्यादा सजग रहेंगे तथा पूरी ईमानदारी लगन से उस व्यापार को सफल करने की कोशिश करेंगे |

अगर व्यापार में आपका अपना कुछ पैसा नहीं लगा होगा तो आपको सब कुछ खोने का भय नहीं होगा तथा वहां कमिटमेंट की कमी हो सकती है | अतः व्यापार शुरू करने पर अपनी बचत का एक हिस्सा उसमें जरूर लगाएं | तथा Different sources of capital for business का खास ध्यान रखें |

Love money (लव मनी) 

लव मनी व्यापार के लिए पूंजी के स्रोत का एक प्रचलित माध्यम है जिसके द्वारा व्यक्ति अपने माता, पिता रिश्तेदारों एवं मित्रों से कर्ज लेता है तथा व्यापार के सफल होने पर धीरे-धीरे उसे चुका देता है | लव मनी की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसके लिए कोई कॉलेटरल नहीं देना पड़ता है | 

यानी ब्याज की दर भी कम अथवा शून्य होती है | दोस्तों, यहां पर ध्यान रखने योग्य खास बात है कि अगर व्यवसाय  असफल होता है तो रिश्तेदारों का पैसा डूबने पर संबंधों में खटास आने की संभावना रहती है, अतः लव मनी काफी सोच समझकर ही लेना चाहिए | 

Loan under Pradhan Mantri Mudra Yojana (प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत ऋण) 

साथियों, आपको पता होगा कि आजकल विभिन्न सरकारी बैंक प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत व्यापार एवं सेवा क्षेत्र के लघु उद्योगों के लिए विभिन्न प्रकार के ऋण प्रदान करते हैं | मुद्रा ऋण को तीन भागों में विभाजित किया गया है जो इस प्रकार हैं:-  

1.शिशु ऋण के तहत 50,000 रुपए तक के ऋण दिए जाते हैं |

2.किशोर ऋण के तहत 50,000 से लेकर 5,00,000 रुपए तक के ऋण दिए जाते हैं | 

3.तरुण ऋण के तहत 5,00,000 से लेकर 10,00,000 रुपए तक के ऋण दिए जाते हैं | 

विभिन्न सरकारी बैंकों के ब्रांच में अथवा बैंकों की वेबसाइट पर मुद्रा ऋण के लिए आवेदन किया जा सकता है | मुद्रा ऋण के लिए बैंक अधिकारी को आपके द्वारा दिए गए बिजनेस प्रपोजल के सफल होने की उम्मीद होनी चाहिए | यह तभी हो सकता है जब आप लोन के लिए आवेदन करते वक्त अपना प्रोजेक्ट रिपोर्ट उचित रूप से तैयार करेंगे |  

मुद्रा ऋण देते वक्त बैंक अधिकारी उस व्यवसाय से संबंधित कार्यों में आपकी निपुणता का भी ध्यान रखते हैं |

CGTMSE (क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल इंटरप्राइजेज) 

CGTMSE सरकार के द्वारा दिए जाने वाला ऋण एक अलग प्रकार है, जिसके अंतर्गत व्यापारियों को दो करोड़ रुपए के कॉलेटरल फ्री ऋण दिए जाते हैं | उत्पादन, व्यापार तथा सर्विस से संबंधित व्यवसाय के लिए यह उपलब्ध है परंतु उस शिक्षा क्षेत्र, कृषि संबंधित क्षेत्र आदि से संबंधित व्यवसाय के लिए यह उपलब्ध नहीं है | 

बैंकों के द्वारा दिए गए लोन पर CGTMSE के द्वारा बैंकों को 75 से 80 प्रतिशत तक पूंजी की गारंटी दी जाती है | किसी भी तरह के ऋण को प्राप्त करने के लिए आप की शिक्षा, आपका अनुभव एवं आपके द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रोजेक्ट रिपोर्ट के इंप्लीमेंटेशन की संभावना पर बैंक अधिकारी ध्यान देते हैं | 

सामान्यतया जब बैंक अधिकारियों को यह भरोसा होता है कि आपके द्वारा ऋण का सदुपयोग करके व्यापार को बढ़ाया जा सकता है, तब वह ऋण को पास कर देते हैं | यहां यह बात ध्यान रखने योग्य है कि अगर आप दिए गए पूंजी को लौटाने में असफल होते हैं तो उस ऋण को पास करने वाले अधिकारी पर भी सवाल उठते हैं | 

अतः ऋण पास करते वक्त बैंक अधिकारी काफी सजग रहते हैं तथा पूरी जांच के बाद ही ऋण उपलब्ध करवाते हैं | 

Angel investors (एंजेल इन्वेस्टर्स) 

कुछ सफल व्यवसाई एंजल इन्वेस्टर्स बनकर नए व्यापार के लिए पूंजी प्रदान करते हैं | जब भी उनके पास कोई प्रोजेक्ट रिपोर्ट आता है तो वह व्यवसाय में अपने अनुभव के आधार पर उस प्रोजेक्ट की विशेषताओं और कमियों को ध्यान में रखकर निवेश करने का निर्णय लेते हैं | 

निवेश के बाद भी व्यापार में वह सक्रिय भूमिका में अपना योगदान देते हैं | एंजल इन्वेस्टर को बीज निवेशक, अनौपचारिक निवेशक भी कहा जाता है | इन व्यवसायियों के पास अपने पुराने व्यापार से अर्जित प्लस फंड होता है जिसे वह बैंक की तुलना में ज्यादा रिटर्न प्राप्त करने के उद्देश्य से उभरते व्यवसायियों में लगाते हैं | 

सामान्य स्टॉक, परिवर्तनीय पसंदीदा स्टॉक एवं ऋण एंजल इन्वेस्टर के द्वारा दिए गए पूंजी के विभिन्न प्रकार हैं | सामान्यतया एंजल इन्वेस्टर्स युवा योग्य इंटरप्राइजेज को पूंजी प्रदान करते हैं | 

Venture capital (वेंचर कैपिटल)  

वेंचर कैपिटल फंड द्वारा किसी और का पैसा नए उद्यम या स्टार्ट अप में लगाया जाता है | वेंचर कैपिटल फंड अपने निवेशकों से फंड अर्जित करते हैं तथा दूसरी उभरते हुए नई कंपनियों के शेयरों में वह पैसा इन्वेस्ट कर देते हैं | वेंचर कैपिटल में पैसा लगाने की क्षमता एंजल इन्वेस्टर्स से अधिक होती है |   

एक ओर जहां यह एंजल इन्वेस्टर्स अपनी व्यक्तिगत आकलन के द्वारा नए व्यवसाय उनका स्क्रीनिंग करते हैं वहीं दूसरी ओर वेंचर कैपिटल फंड के द्वारा किसी विशेषज्ञ फर्म के द्वारा नए प्रपोजल की स्क्रीनिंग करवाई जाती है | 

एंजल इन्वेस्टर्स शुरुआती दिनों में पैसा लगाने को इच्छुक होते हैं जबकि वेंचर कैपिटल लिस्ट अधिकतर कुछ वर्ष पूर्व स्थापित उद्यमों में पैसा लगाने की कोशिश करते हैं | 

साथियों, इस लेख के माध्यम से हमने Different sources of capital for business  यानी व्यापार के लिए पूंजी के विभिन्न स्रोत के विषय में विस्तृत रूप से जानकारी हासिल की | अगर आप भी अपना कोई व्यापार करने की सोच रहे हैं तो उपरोक्त बातों का ध्यान अवश्य रखें | 

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FAQ:

Q: व्यवसाय पूंजी क्या है ?

Ans: आसान शब्दों में जाने तो व्यवसाय का स्वामी व्यवसाय में जो रोकड़, माल (Goods) और संपत्ति लगाता है | उसे पूँजी कहते है | पूँजी की एक और परिभाषा देखे तो “किसी विशेष समय पर व्यवसाय की सम्पत्ति का उसके दायित्व पर जो आधिक्य होता है | वह व्यापार की पूँजी होती है |  

Q: पूंजी पर ब्याज क्यों दिया जाता है ?

Ans: पूंजी पर ब्याज एक व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक पूंजी के साथ एक फर्म प्रदान करने के लिए मालिकों को दिया जाने वाला ब्याज है | यह किसी वित्तीय संस्थान से ऋण प्राप्त करने के समान है | भागीदारों को बकाया पूंजी पर ब्याज का भुगतान किया जाता है | 

Q: धन और पूंजी में क्या अंतर है ?

Ans: घर में इस्तेमाल होने वाले सामान जैसे टेबल, कुर्सियां ​​और तख्त धन हैं, लेकिन अगर इन्हें किराए पर दिया जाता है तो उन्हें पूंजी कहा जाता है |