नमस्कार दोस्तों, इस आर्टिकल के माध्यम से आज हम Harsingar ke fayde के बारे में जानकारी दे रहे हैं | हरसिंगार को एक दिव्य वृक्ष माना जाता है | ऐसी मान्यता है कि इसे भगवान कृष्ण के द्वारा स्वर्ग से पृथ्वी पर लाया गया था |
यह पारिजात के नाम से भी प्रसिद्ध है और इसके पुष्प केवल रात्रि में सूर्यास्त के साथ ही खिलते हैं और पूर्ण रात्रि अपनी मनोहर सुगंध से पृथ्वी को प्रलोभित कर यह सूर्योदय के साथ अपने तन से विलग हो जमीन पर झड़ जाते हैं |
इसलिए इसे “रात की रानी” भी कहा जाता है | इसके कुछ अन्य नाम भी है जैसे शेफालिका, शिवली, मल्लिका तथा स्वर्ण मल्लिका यह एक औषधीय पौधा भी है | तथा इसका पुष्प सेहत के लिए अत्यंत लाभदायक होता है |
तो आइए दोस्तों, Harsingar ke fayde जानने के लिए आप इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ें, इसके औषधीय गुण की जानकारी निम्न दी गई है |
हरसिंगार के औषधीय गुण
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यह पवित्र औषधि रक्त में से सभी कीटनाशक पदार्थों का विनाश कर, रक्त को स्वच्छ करने का कार्य भी करती है |
इसके पत्तों का जूस पीने से ना केवल रक्त साफ होता है अपितु रक्त संबंधी विकारों का भी विनाश होता है |
हरसिंगार के पत्तों, पुष्पों व टहनियों का मिश्रित रस रोज पीने से जोड़ों के दर्द व सूजन से राहत मिलती है |
इसके पुष्पों का लेप जोड़ों पर लगाने से सूजन पर काफी असर पड़ता है | इसके पत्तों का लेप घाव पर लगाने से भाव थोड़े ही समय में भर जाते हैं |
इसके लेप को टूटी हुई हड्डियों पर लगाकर उसे कपड़े से कसकर बांध में से ना केवल हड्डियां जोड़ने में सहायता मिलती है,अपितु यह उन्हें और मजबूत बनाता है और दर्द को भी कम करता है |
हरसिंगार के बीज बवासीर का एक अचूक उपाय है | प्रतिदिन इसके बीज का सेवन करने से आंतरिक निकासी (Bowel Evacuation) में सहायता मिलती है और थोड़े ही वक्त में बवासीर जैसे गंभीर दर्दनाक बीमारी से छुटकारा मिल जाता है |
हरसिंगार के फूल के फायदे
इसके ताजा फूलों के रस का सेवन करने से हृदय रोग मानव शरीर से मीलों दूर चला जाता है | हरसिंगार का पुष्प आमतौर पर सितंबर- नवंबर माह में खिलता है |
चाहे बुखार कितना ही पुराना क्यों ना हो, हरसिंगार के पत्तों का रस पीने से वह जड़ से खत्म हो जाता है |
यदि आप सूखी खांसी से परेशान हैं तो इसके पत्तों के रस का शहद के साथ सेवन करें | हरसिंगार का तेल त्वचा संबंधित विकारों के लिए बहुत उपयोगी है |
यह दाग-धब्बों को मिटाता है और त्वचा को चमकदार बनाता है | इसके पत्तों का लेप भी त्वचा पर लगाया जा सकता है | तथा इसका फेस पैक चेहरे पर लगाने से रंग साफ होता है |
हरसिंगार के सुगंधित पुष्पों का रस पीने से बाल मजबूत और लंबे होते हैं | यह सफेद और टूटते बालों का शत्रु है और सूखे और बेजान बालों को पोषित कर उन्हें लंबे, चमकदार और घना बनाता है |
इस मधुमय पेड़ के पत्तों का रस मधुमेह का भी एक प्रबल उपचार है | इसके पत्तों के रस का सेवन करने से रक्त में शर्करा का स्तर स्वस्थ रहता है और मधुमेह में सुधार आता है |
हरसिंगार के पत्तों का जूस पीने से ना केवल पाचन शक्ति में सुधार आता है, बल्कि आंत के कीड़ों (Intestinal Worms) का भी नाश होता है |
हरसिंगार पुष्प की कलियों का सेवन यदि काली-मिर्च के साथ किया जाए तो स्त्री-संबंधित रोगों पर सकारात्मक असर पड़ता है |
इसके पत्तों के जूस में मलेरिया जैसे गंभीर विकार से लड़ने की भी क्षमता है | तनाव को दूर करने का मात्र इसकी सुगंध से मन प्रफुल्लित हो उठता है और सारे तनाव दूर हो जाते हैं |
इस दिव्य व औषधीय वृक्ष के कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं है | आप इसे अपने घर के आंगन में भी लगा सकते हैं जिनसे आपका घर मनमोहित सुगंध से सुगंधित हो उठेगा |
आपके जीवन में खुशहाली छा जाएगी अपितु आपका शरीर भी रोग एवं तनाव मुक्त रहेगा | हरसिंगार का पारिजात को एक शुभ और इच्छा पूर्ति करने वाला पेड़ माना जाता है जिसे भगवान कृष्ण द्वारा स्वर्ग से पृथ्वी पर लाया गया था |
धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण होने के अलावा यह औषधीय गुणों का खजाना भी है | यह बालों, त्वचा, ह्रदय, हड्डियों तथा रक्त के लिए बहुत लाभप्रद है और सबसे बड़ी खूबी तो यह है कि इसके कोई दुष्प्रभाव नहीं होते हैं |
इसका उपयोग विभिन्न विकारों और बीमारियों जैसे:- गठिया, हड्डी में फ्रैक्चर, त्वचा रोग, बवासीर, बुखार, डेंगू, मलेरिया, शुष्क खांसी, मधुमेह आदि का इलाज करने के लिए किया जाता है |
हरसिंगार महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है | यह तनाव को खत्म करता है और एक स्वस्थ व सुखी जीवन जीने में मदद करता है |
यहां तक कि इसकी मनमोहक खुशबू में सभी नकारात्मक विचारों को दूर करने और शरीर को सकारात्मक ऊर्जा से भरने की शक्ति होती है |
हरसिंगार के एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है |
ये गठिया, जोड़ों का दर्द और बुखार के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है |
गठिया के दर्द से निजात पाने के लिए आप पारिजात के पत्ते, छाल और फूल से काढ़ा बना सकते हैं सर्दी, खांसी और साइनस के लिए इसे चाय की तरह पिएं |
तो दोस्तों, आप भी अपने घर में ऐसे विविध औषधीय गुणों वाले पेड़ लगा सकते हैं और जब भी चाहे, इनका लाभ उठा सकते हैं |
निष्कर्ष
साथियों, इस आर्टिकल के माध्यम से हमने Harsingar ke fayde जो एक दिव्य औषधि भी है की जानकारी दी है | आपको यह जानकारी अच्छी लगी, तो यह आप अपने दोस्तों और सोशल मीडिया पर Share कर सकते हैं |
तो फिर मिलते हैं आपसे अगले आर्टिकल में एक नई जानकारी के साथ, तब तक के लिए आप zeebiz.in पर हमारे साथ जुड़े रहें | धन्यवाद !
FAQ:
Q: हरसिंगार का काढ़ा कैसे बनाया जाता है ?
Ans: एक डोज बनाने के लिए हरसिंगार के करीब 5 से 7 पत्तों को पीसकर Pest बना लें | इस Pest को एक गिलास पानी में मिलाकर धीमी आंच पर पकाएं |
जब पानी आधा रह जाए, तो इसे बंद कर दें और गुनगुना रहने पर पी लें | इसका सेवन सुबह खाली पेट करना अच्छा होता है |
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